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आयरन से भरपुर भोजन करने के लिए आमजनों को करें प्रेरित: उपायुक्त, Bokaro


Bokaro: सदर अस्पताल सभागार में सोमवार को अनीमिया मुक्त बोकारो बनाने को लेकर जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त कुलदीप चौधरी, उप विकास आयुक्त  कीर्तीश्री जी., सिविल सर्जन डा. ए बी प्रसाद आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

यह प्रशिक्षण अगले 36 दिनों तक जारी रहेगा, जिला एवं प्रखंड स्तर पर इसका आयोजन होगा, कुल 4500 फ्रंट लाइन वर्कर्स को प्रशिक्षित किया जाएगा। जिसमें 1760 सहिया, 2230 आंगनबाड़ी सेविका, 52 महिला पर्यवेक्षिका एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, 450 एएनएम/सीएचओ शामिल है।

अपने संबोधन में उपायुक्त श्री कुलदीप चौधरी ने कहा कि अनीमिया नया विषय नहीं है। अच्छे स्वस्थ्य के लिए अनीमिया मुक्त होना काफी जरूरी है। यह कार्य क्षमता को कैसे प्रभावित करता हैं इससे वाकिफ होना आवश्यक है। प्रशिक्षण सत्र में जो भी मन में प्रश्न उठे उसे प्रशिक्षक से साझा कर उसका उत्तर प्राप्त कर लें। इसमें किसी भी तरह की कोई संकोच की बात नहीं है। आप सभी फ्रंट लाइन वर्कर्स धरातल पर हमारे सैनिक हैं,आपसबों के सहयोग से ही हम अनीमिया मुक्त बोकारो अभियान को सफल बना सकते हैं।

उपायुक्त ने कहा कि गर्भवती एवं धातृ महिला, सभी किशोर – किशोरी एवं 06 – 59 माह के बच्चों को आयरन की गोलियां (दवा) देने के साथ उन्हें अनीमिया के लक्षण, उसकी जांच कराने के लिए जागरूक करें। उन्हें दिनचर्या में इस्तेमाल करने वाले भोजन में आयरन से भरपुर आहार कौन – कौन हैं,कैसे उन्हें नियमित भोजन में जोड़ना/सेवन करना है, उसके लिए प्रेरित करने को कहा। ताकि शरीर में अनीमिया की कमी का स्थायी समाधान हो सकें।

उपायुक्त ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रही एएनएम कर्मियों को बताया कि जिला प्रशासन दुरगम क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जल्द ही 100 एएनएम कर्मियों को ई स्कूटी उपलब्ध कराएगा। निजी भवनों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण को लेकर भी कार्य किया जा रहा है, 84 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण की भी स्वीकृति दे दी गई है।

100 अतिरिक्त आंगनबाड़ी केंद्रों की मंजूरी को लेकर प्रस्ताव राज्य मुख्यालय को भेजा गया है,ताकि इन केंद्रों का इस्तेमाल रिसोर्स सेंटर के रूप में किया जा सके।

जिले में आयोजित हो रहे विशेष दिव्यांग शिविर को लेकर भी आमजनों को जागरूक करने एवं ज्यादा से ज्यादा दिव्यांगजनों को शिविर में उपस्थित होकर अपना दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्राप्त करने की बात कहीं। उन्होंने उपस्थित सिविल सर्जन को विशेष शिविर की तालिका साझा करने का निर्देश दिया।

मौके पर उपस्थित उप विकास आयुक्त कीर्तीश्री जी. ने अपने संबोधन में प्रशिक्षुओं को लक्षित समूह को जागरूक करने एवं परिक्षण पर बल देने की बात कहीं। कहा कि ज्यादातर महिलाओं/किशोरियों को यह पता नहीं है कि वह अनीमिया बीमारी से ग्रस्त है। उन्होंने कई उदाहरण भी दिएं। कहा कि जब बीमारी/समस्या का ही पता नहीं होगा,तो उसका समाधान कैसे होगा। इस कार्य में स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग का कन्वर्जेंस है, इसलिए विभाग के कर्मियों के बीच आपसी समन्वय का होना बहुत जरूरी है।

उप विकास आयुक्त ने उपलब्ध कराएं गए किट का फ्रंट लाइन वर्कर्स को स्वयं से परिक्षण करने की बात कहीं। कैसे परिक्षण करना है इसका प्रशिक्षण आप सबों को दिया जाएगा। महिलाओं को घर के पीछे पोषण वाटिका लगाने के लिए भी प्रेरित करने को कहा। मौके पर सिविल सर्जन डा. ए बी प्रसाद ने सभी को अपने दायित्वों से अवगत होने एवं अनीमिया मुक्त बोकारो बनाने को लेकर संकल्प लेने की बात कहीं।

प्रशिक्षण में फ्रंट लाइन वर्कर्स (सहिया,आंगनबाड़ी सेविका,महिला पर्यवेक्षिका एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी,एएनएम/सीएचओ) को गर्भवती/धातृ महिला, सभी किशोर किशोरी एवं 6-59 माह के बच्चों को आयरण की सम्मपूर्ण खुराक एवं आयरणयुक्त आहार के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।

उन्हें अनीमिया के लक्षण (शरीर में पीलापन होना/चक्कर आना/कमजोरी होना/थकान आदि) के संबंध में भी बताया गया। मौके पर सांकेतिक रूप से डीसी,डीडीसी एवं सीएस ने सभी फ्रंट लाइन वर्कर्स को किट बैग का वितरण किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन जिला डाटा प्रबंधक श्रीमती कंचन कुमारी ने किया।

मौके पर अस्पताल उपाधीक्षक डा. बी पी गुप्ता, डा. सेलिना टुडू, डा. उत्तम कुमार, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार,अनीमिया फैलो श्री बसंत कुमार,सहिया,आंगनबाड़ी सेविका,महिला पर्यवेक्षिका एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी,एएनएम/सीएचओ आदि उपस्थित थे।


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