Bokaro: बोकारो एयरपोर्ट से हवाई उड़ानों की शुरुआत अब तक नहीं हो पाई है, जो यहां के निवासियों के बीच एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। हवाई सेवाओं में हो रही इस देरी को लेकर कांग्रेस-झामुमो नेताओं ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि बीजेपी (BJP) नेता राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। इसी बीच सांसद ढुलू महतो ने संसद में इस मुद्दे को उठाया, जबकि नागर विमानन मंत्रालय ने राज्य सरकार की सहमति की कमी को कारण बताया। कुछ लोगों का कहना है कि सांसद ढुलू महतो बोकारो (Bokaro Airport) के बजाय धनबाद एयरपोर्ट को चालु कराने में अधिक ध्यान केंद्रित किये हुए है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
सांसद ढुल्लू महतो ने संसद में उठाया सवाल
धनबाद सांसद ढुल्लू महतो ने इस मुद्दे को संसद में जोरदार तरीके से उठाया और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इस संबंध में जवाब मांगा। उनके सवालों में प्रमुख रूप से पूछा गया कि क्या सरकार ने धनबाद हवाई अड्डे (Dhanbad Airport) के पुनरुद्धार के लिए कोई योजना बनाई है और यदि हां, तो उसके तहत क्या कदम उठाए गए हैं। उनके सवाल का जवाब नागर विमानन मंत्री श्री किंजरापु राममोहन नायडू ने दिया। Loksabha Question Link – https://sansad.in/getFile/loksabhaquestions/annex/183/AS54_Z8khcr.pdf?source=pqals
केंद्र सरकार का उत्तर और योजना का विवरण
नागर विमानन मंत्रालय ने बताया कि क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) – उड़े देश का आम नागरिक’, भारत में बुनियादी ढांचे और संपर्क में सुधार के लिए एक प्रमुख योजना है। इस योजना के तहत दूरदराज और कम सेवा वाले क्षेत्रों में हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए समय-समय पर बोली दौर आयोजित किए जाते हैं। मंत्रालय के अनुसार, झारखंड में धनबाद हवाई अड्डे को शामिल करने के लिए 5.2 राउंड के दौरान प्रस्ताव प्राप्त किए गए थे।
राज्य सरकार की सहमति की कमी
मंत्रालय ने बताया कि झारखंड राज्य सरकार से छोटे विमानों के संचालन के लिए आवश्यक भूमि की उपलब्धता को लेकर सहमति की जरूरत थी। लेकिन राज्य सरकार ने भूमि की कमी का हवाला देते हुए अपनी सहमति नहीं दी। प्रश्न का जवाब – “झारखंड राज्य सरकार से छोटे विमानों (2बी) के संचालन और भविष्य में श्रेणी 3सी में विस्तार के लिए भूमि की उपलब्धता के संबंध में उनकी सहमति और पुष्टि प्रदान करने का अनुरोध किया गया था। झारखण्ड सरकार ने भूमि की कमी के कारण धनबाद हवाई अड्डे को विकसित करने के लिए अपनी सहमति नहीं दी है।”
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