Bokaro: सरना समाज समिति शिवपुरी बालीडीह के तत्वावधान मे प्रकृति पर्व सरहुल महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि झामुमो बोकारो महानगर अध्यक्ष मंटू यादव सम्मिलत हुए। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति प्रेमी होते हैं। यह सभी को प्रकृति की रक्षा करने का संदेश देता हैं।
मंटू यादव ने कहा हम सभी को अपनी भाषा, संस्कृति से प्रेम करना चाहिए। आदिवासी संस्कृति भारतीय संस्कृति का एक अंग है आज अगर प्रकृति सुरक्षित व संरक्षित है तो निश्चित ही इसका श्रेय आदिवासियों को जाता है। ये प्रकृति से आज भी उतना ही जुड़े है जितना पहले थे।यह पर्व सिर्फ आदिवासियों का नहीं बल्कि हम सभी का है सरहुल में सरना मां से हम अच्छी बारिश व सुख शांति की कामना करते है।
झारखंड मैं अपना परंपरा और रीती-रिवाज ऐसा है कि भुलाया नहीं जा सकता है। सरहुल पर्व में लोग संस्कृति व सभ्यता को बचाने का संकल्प लेने की जरूरत है। विशिष्ट अतिथि कांग्रेस की महासचिव श्वेता सिंह जिला परिषद सदस्य निशा हेंब्रम माराफारी मुखिया बासकी देवी विधायक प्रतिनिधि संजय त्यागी आजसू नेता सचिन महतो महानगर कोषाध्यक्ष मिथुन मंडल थाना प्रभारी रामप्रवेश सिंह इत्यादि ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम में पर मोके उरांव मांझी हडाम, सरना समाज के अध्यक्ष चंदू सिंह मुंडा सचिव छोटू उराव कोषाध्यक्ष सुरेश खलखो राजू पहन एसके मलिक जोगन पहन जगदेव उरांव विनायका रिंकी देवी कमला देवी इत्यादि।
सरना समिति बालीडीह 43 मोड़ में आयोजित सरहुल महोत्सव में सम्मिलित हुए बोकारो विधायक प्रतिनिधि संजय त्यागी ने कहा कि सरहुल पर्व पर्यावरण को संरक्षित कर वातावरण को दूषित होने से बचाता है । यह त्योहार पेड़ पौधा का रक्षा के लिए संकल्प लेने का त्यौहार है। यह प्रकृति से जुड़ा हुआ त्यौहार है।