Bokaro: बोकारो में नॉन-स्कूलिंग कल्चर के बढ़ते प्रभाव ने लाइब्रेरी कल्चर को भी गति दी है। कोटा की तर्ज पर, शहर में प्राइवेट लाइब्रेरियों की मांग खासकर सेल्फ स्टडी के लिए तेजी से बढ़ रही है। इंजीनियरिंग और मेडिकल के साथ-साथ रेलवे, बैंक, जेपीएससी, और यूपीएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र भी अब लाइब्रेरियों का रुख कर रहे हैं। पिछले दो वर्षों में सिटी सेंटर और आसपास के क्षेत्रों में लगभग आधा दर्जन नई प्राइवेट लाइब्रेरियां खुली हैं, जबकि सेक्टर-9, सेक्टर-8, सेक्टर-12 और अन्य जगहों पर भी लाइब्रेरियां संचालित हो रही हैं। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
लाइब्रेरियों में छात्रों के लिए सुविधाएं और पढ़ाई का माहौल
इन प्राइवेट लाइब्रेरियों में छात्रों को घंटे के हिसाब से शुल्क देकर पढ़ाई करने की सुविधा मिलती है। सिटी सेंटर की लाइब्रेरियों में पढ़ाई का अच्छा माहौल है, जो 24 घंटे खुले रहते हैं और शिफ्ट में चलते हैं। लाइब्रेरियों में हाई-स्पीड वाई-फाई, टेबल-कुर्सी, अखबार, RO पानी, सीसीटीवी, और लैंप जैसी सुविधाएं होती हैं। इसके अलावा, छोटी पैंट्री में छात्रों को चाय, कॉफी, और दूध भी उपलब्ध कराए जाते हैं। लाइब्रेरियों में पूर्ण शांति का माहौल रहता है ताकि छात्रों को पढ़ाई में कोई बाधा न हो। अधिकांश लाइब्रेरियों में लड़के और लड़कियों के बैठने की अलग-अलग व्यवस्था है। शहर की ज्यादातर लाइब्रेरियों में लगभग 20-50 सीटें हैं। कुछ में तो बुकिंग पहले से करानी पड़ती है।
छात्रों की लाइब्रेरी में पढ़ाई के अनुभव
आईआईटी की तैयारी कर रहे रोहित ने बताया कि वह दुमका के रहने वाले हैं और बोकारो में तैयारी करने आए हैं। हॉस्टल में पढ़ाई के लिए शांति न मिल पाने के कारण वह लाइब्रेरी जाते हैं। वहीं, एक अन्य छात्र, कमलेश, सेक्टर-9 की लाइब्रेरी में पढ़ाई करना पसंद करते हैं क्योंकि वहां का शुल्क सिटी सेंटर की लाइब्रेरी से कम है। दोनों ही छात्रों का मानना है कि लाइब्रेरी का शांत माहौल उन्हें बेहतर तरीके से पढ़ाई करने में मदद करता है। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
लाइब्रेरी के मालिकों की सोच और अनुभव
सेक्टर 4 सिटी सेंटर स्थित Urban Library के मालिक अभय गुप्ता बताते हैं कि उन्होंने लगभग डेढ़ साल पहले यह लाइब्रेरी अपोलो फार्मेसी के बगल में शुरू की थी। शुरुआत में उन्हें संदेह था कि बोकारो में यह मॉडल सफल होगा या नहीं, लेकिन लाइब्रेरी खोलते ही उन्हें जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। अब उन्होंने लाइब्रेरी की सीटों की संख्या 30 से बढ़ाकर 60 कर दी है। नॉन-स्कूलिंग कल्चर के आने से युवाओं ने लाइब्रेरी का रुख करना शुरू कर दिया है, खासकर कोटा और अन्य बड़े शहरों की तर्ज पर बोकारो में भी लाइब्रेरियों की मांग में वृद्धि हुई है। छात्र फीस देकर यहां घंटों सेल्फ-स्टडी करते हैं। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
अभय गुप्ता, जो खुद 25 वर्षीय हैं और CA की पढ़ाई कर रहे हैं, बताते हैं कि उन्हें यह लाइब्रेरी का विचार अन्य शहरों से मिला। चास के निवासी अभय ने बताया कि चास में भी कई प्राइवेट लाइब्रेरियां हैं और अब एक सरकारी लाइब्रेरी भी खुल गई है, जो हमेशा भरी रहती है। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी लाइब्रेरी शुरू होने के बाद अब सिटी सेंटर में 4-5 और लाइब्रेरियां खुल चुकी हैं, जिससे यह साफ है कि शहर में नॉन-स्कूलिंग छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
नॉन-स्कूलिंग कल्चर की लोकप्रियता और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी
शहर में हॉस्टल संचालक बताते हैं कि अब झारखंड और बिहार के विभिन्न शहरों से इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी करने वाले नॉन-स्कूलिंग छात्र बड़ी संख्या में बोकारो आ रहे हैं। ये छात्र स्थानीय कोचिंग संस्थानों में दाखिला लेकर JEE, NEET, CLAT जैसी परीक्षाओं की तैयारी में जुट जाते हैं। उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए पर्याप्त समय मिलता है, जिससे वे बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं। नॉन-स्कूलिंग छात्र मुख्यतः FIITJEE, IPEC, AKASH जैसे प्रमुख कोचिंग संस्थानों या tutorial में दाखिला ले रहे हैं। शहर में यह चलन अब स्थायी रूप से स्थापित हो रहा है, क्योंकि स्कूलों की बढ़ती फीस और प्रतियोगी परीक्षाओं में बढ़ती प्रतिस्पर्धा नॉन-स्कूलिंग कल्चर को और बढ़ावा दे रही है। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x