Bokaro: सिटी कॉलेज बोकारो में नशा मुक्त राष्ट्र निर्माण विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत प्रोफेसर इन चार्ज दीपक कुवर के द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। सेमिनार में मुख्य अतिथि व वक्ता तथा तम्बाकू के दुष्प्रभाव व नशा उन्मूलन पर अपना विचार रखने के रूप में मनोचिकित्सक सदर अस्पताल बोकारो डा0 प्रशान्त कुमार मिश्रा, जिला परामर्शी मो0 असलम वक्ता के रूप में उपस्थित थे। प्रोफेसर प्रभाकर द्वारा नशा मुक्त राष्ट्र निर्माण पर पोस्टर प्रतियोगिता भी कराया गया, जिसमें उत्कृष्ट प्रतिभागियों को प्राचार्य व मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत भी किया गया।
■ निकोटीन बार-बार लेने से डोपामाईन या हेप्पी हार्मोन का अत्याधिक रिहाई का कारण बनती है-
डा0 प्रशान्त कुमार मिश्रा मनोचिकित्सक सदर अस्पताल बोकारो द्वारा सभी बच्चो नशीले पदार्थ व इसके लत के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि किसी भी नशीली पदार्थ को लेने से व्यक्ति के मस्तिष्क के कार्यों व व्यवहार को प्रभावित करते हैं। निकोटीन बार-बार लेने से डोपामाईन या हेप्पी हार्मोन का अत्याधिक रिहाई का कारण बनती है, जिसके कारण व्यक्ति अधिक मात्रा में लेता चला जाता है।
■ नशे की लत एक गम्भीर समस्या बन गई है-
श्री प्रभाकार द्वारा बताया गया कि पूरे भारत में नशे की लत एक गम्भीर समस्या बन गई है। उन्होंने बताया कि अभी हम सबको इन विषय पर लोगों को जागरूक करने के लिये जागरूकता अभियान में संकल्प लेकर उतरने की जरूरत है जैसे नशे की मूल आदतन निर्माण में बचपनवस्था, बच्चे के नशा आदतन निर्माण पर मनोवैज्ञानिक विश्लेषण, नशा मुक्त राष्ट्र निर्माण में युवाओं को भी शंखनाद किये जाने की जरूरत आदि हैं।
■ शिक्षण संस्थान के मुख्य द्वार पर कोटपा अधिनियम की धारा 6/बी के तहत बोर्ड या दिवार लेखन किया गया हो-
जिला परामर्शी द्वारा सभी बच्चों को तम्बाकू के दुष्परिणाम, तम्बाकू खाने से होने वाली बीमारी से अवगत कराया गया साथ ही तम्बाकू छोडने के उपाय, परामर्शी सेवा लेने की सुविधा, टाल फ्री नम्बर 1800-11-2356 के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही एन0टी0सी0पी0 बोकारो द्वारा स्कूल को तम्बाकू मुक्त रखने के लिये भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये गाईडलाइन के बारे में भी बताया गया।
Guideline for Tobacco Free Education Institution (Revised) में वर्णित प्रावधानों के अनुसार शिक्षण संस्थान के मुख्य द्वार पर कोटपा अधिनियम की धारा 6/बी के तहत बोर्ड या दिवार लेखन किया गया हो, शिक्षण संस्थान के चहार दिवारी से 100 यार्ड यानी 300 फिट की दूरी पर Yellow Line (तम्बाकू मुक्त क्षेत्र) अंकित किया गया हो, परिसर के अन्दर तम्बाकू के दुष्प्रभाव संबन्धित प्रचार प्रसार का साईनेज लगा हो, तम्बाकू मुक्त परिसर का बोर्ड लगा हो व कम से कम 6 माह में एक बार सभी बच्चों से तम्बाकू के दुष्प्रभाव पर चर्चा किया गया हो इसके बारे में जानकारी दी गई।