Bokaro: ओमिक्रॉन के संभावित तीसरी लहर के खतरे काे देखते हुए, यहां के निवासियों के बीच आरटीपीसीआर (RTPCR) लेबोरेटरी खुलने में हो रहे देरी चर्चा में है। ज़िले में आरटीपीसीआर लैब रहने से कोविड -19 टेस्टिंग की रफ़्तार बढ़ेगी जिससे वायरस के प्रसार को रोकने में काफी मदद मिलेगी। बताया जा रहा है कि कोरोना के पिछले दोनों लहर के मुकाबले ओमीक्रॉन वायरस 70 गुना तेजी से फैलता है। हालांकि देश में अभी तक ओमीक्रॉन के अधिक केस नहीं मिले है, पर इससे बचाव की तैयारियां जोरो से चल रही है।
जिला स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सेक्टर-5 स्वास्थ्य केंद्र में RTPCR लैब का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार है, लेकिन अभी आरटीपीसीआर मशीन नहीं लगी है। सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा, “हम आरटीपीसीआर लैब जल्द से जल्द चालू करने के लिए राज्य मुख्यालय के साथ कोआर्डिनेट कर रहे हैं।”
बोकारो की आरटीपीसीआर प्रयोगशाला उन छह प्रयोगशालाओं में से एक है, जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री ने 20 अप्रैल, 2021 को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए की थी। बोकारो के अलावा गुमला, रांची के सदर अस्पताल, चाईबासा, जमशेदपुर, गोड्डा और देवघर में RTPCR लैब बनाए जा रहे है।
पिछले दो कोविड लहरों में, बोकारो की स्वास्थ्य मशीनरी RTPCR परीक्षणों के लिए पूरी तरह से PMCH धनबाद और RIMS रांची पर निर्भर थी, जिससे परिणाम आने में लगभग 3 से 4 दिन लगते थे। खासतौर पर दूसरी लहर में, सदर अस्पताल, बोकारो जनरल अस्पताल (बीजीएच) में स्थापित ट्रूनेट मशीनों के साथ-साथ रैपिड एंटीजन किट (आरएटी) का इस्तेमाल कर स्थिति को नियंत्रण में रखा गया था।
तेजी से फैलने वाले ओमिक्रॉन को नियंत्रित करने के लिए बोकारो को आरटीपीसीआर की आवश्यकता है। जिला स्वास्थ्य विभाग के अनुसार वर्तमान में प्रतिदिन 2000 से अधिक सैंपल एकत्र किये जा रहे है, जिनका मुख्य रूप से ट्रूनेट (Trunenat) और RAT के माध्यम से परीक्षण किया जा रहा है। RTPCR परीक्षण अभी भी बाहर भेजे जा रहे हैं।
बता दें, 2020 के जून में बोकारो स्टील प्लांट (BSL) और जिला प्रशासन ने आरटीपीसीआर प्रयोगशाला खोलने की पहल की थी। बीएसएल ने जमीन और बुनियादी ढांचा मुहैया कराया। जिला प्रशासन ने आरटी-पीसीआर मशीन उपलब्ध कराने और प्रयोगशाला स्थापित करने की प्रतिबद्धता जताई थी। राज्य सरकार द्वारा एजेंसी, Paniit Almuni Reach for Jharkhand (PREJHA), को बोकारो और अन्य शहरों में प्रयोगशाला स्थापित करने का ठेका दिया गया है।
बोकारो में आरटीपीसीआर परियोजना की देखरेख करने वाली एजेंसी के एक प्रतिनिधि ने कहा, “RTPCR प्रयोगशाला तैयार है, लेकिन आरटीपीसीआर मशीन अभी तक नहीं आई है। मशीन अगले सप्ताह किसी भी दिन आ जाएगी। इसके बाद ट्रायल रन शुरू होगा।”