सोमवार से नौ दिन तक चलने वाले शारदीय नवरात्र महापर्व की शुरुआत हो गई। आज के दिन लोगो ने घरो और पंडालों में कलश स्थापना की और व्रत का संकल्प लिया। मंदिरों में मां दुर्गा के दर्शन के लिए में बड़ी संख्या में भक्त उमड़े।
नवरात्र के पहले दिन सोमवार को मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की गई। पर्वत राज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। यह सती के नाम से भी जानी जाती हैं। इनका वाहन वृषभ है।
नवरात्र पर्व में मां दुर्गा के नौ सिद्ध स्वरूप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री माता की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस साल शारदीय नवरात्र के दौरान किसी भी तिथि का क्षय नहीं है। ऐसे में इस साल का नवरात्र पूरे नौ दिनों का होगा।
शक्ति की आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र को लेकर तमाम घरों में उत्सव का माहौल है। इस साल चार अक्टूबर को को नवमी होगी। इसी दिन नवरात्र रखने वाले भक्त हवन करेंगे। पांच अक्टूबर को दशमी के दिन नवरात्र का विधिवत समापन हो जाएगा।
इस साल किसी भी तरह की रोक नहीं होने के कारण दूर-दराज से भी भक्त मंदिर में पंडालों में पूजा-अर्चना को पहुंचेंगे। ऐसे में प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा व भीड़ पर नियंत्रण की सभी तैयारियां की जा रही है।
सेक्टर 4 -F दुर्गा पूजा कमिटी के रवि भूषण ने बताया कि हर दिन सुबह 5 बजे महिलाओं का एक समुह मां सहस्त्रनाम और महिसासुर मर्दिनी वंदना करते है। यही समूह हर दिन शाम को भजन भी करते है। पूरे पूजा के दौरान सेक्टर 4एफ का माहोल भक्तिमय हो जाता है। पंचमी से सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होता है जिसमे सेक्टर के सभी लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते है.
नवरात्र के पहले दिन बोकारो के नवीन कॉपरेटिव कॉलोनी में भव्य कलश यात्रा निकली। कलश यात्रा में भारी संख्या में महिलाओं के साथ साथ स्थानीय लोग भी शामिल हुए। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना के लिए महिलाओं ने स्थानीय सरोवर से कलश में जलभरकर मंदिर में रखा।