Bokaro: रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने बोकारो रेलवे स्टेशन में बिहार जाने वाली ट्रेनों में चेकिंग बढ़ा दी है। यह चेकिंग बिहार जाने वाली ट्रेनों में हो रहे शराब तस्करी को रोकने के लिए की जा रही है। इस सबंध में आद्रा रेलवे डिवीज़न के अंदर आने वाले बोकारो आरपीएफ (RPF) को विशेष आदेश मिलें है। जिसके बाद आरपीएफ बोकारो ने ऑपरेशन ‘सतर्क’ पर मजबूती से काम कर रही है।
हालांकि ट्रेनों में पहले भी चेकिंग होती रही है और लोग पकड़े जाते रहे है, पर सोमवार को बोकारो आरपीएफ (RPF) को बिहार के अपर पुलिस महानिदेशक, रेलवे का पत्र मिलने के बाद इसमें और तेजी आ गई है। उक्त पत्र में बिहार जाने वाली सभी ट्रेनों में अवैध शराब तस्करी रोकने के लिए सख्त चेकिंग करने का निर्देश दिया गया है।
बता दें, बोकारो होकर करीब आधा दर्ज़न ट्रेनें बिहार जाती है। जिसमे कई बार बोकारो आरपीएफ के जवानो ने शराब ले जातें लोगो को पकड़ा है। पिछले 9 महीनो में बोकारो आरपीएफ ने छापेमारी कर अवैध तरीके से बिहार ले जाते हुए विभिन्न ब्रांडो की लाखो रूपये मूल्य की 450 शराब की बोतलों को स्टेशन-ट्रेनों में पकड़ा है। साथ ही कई लोग भी पकड़ाए है।
बताया जा रहा है कि बोतलों के साथ ट्रैन में पकड़ाए अधिकतर लोगो ने आरपीएफ के सामने यह कबूला है कि वह शराब बिहार ले जा रहे थे। कई बार तो अवैध शराब ले जाते हुए AC बोगी में लोग पकड़ाए है। आरपीएफ पोस्ट के प्रभारी राजकुमार साव ने कहा कि अनुसन्धान के क्रम यह बात सामने आई है की बिहार में शराब के अवैध धंधे में जुड़े लोग ट्रैन से अपने गुर्गे यहाँ भेजते है।
यहां पहुंचकर वह लोग बंगाल के तुलिन से अंग्रेजी शराब की बोतलें खरीदते है। बंगाल होने के चलते वहां शराब झारखण्ड से सस्ती मिलती है। फिर योजनाबद्ध तरीके से इन धन्देबाजो के गुर्गे शराब की बोतलों को लेकर मूरी रेलवे स्टेशन से बिहार जाने वाली ट्रेनों में स्लीपर से लेकर AC या स्लीपर डब्बो में यात्री के रूप में सफर करते हुए बिहार चले जाते है।
साव ने कहा कि, चूँकि बिहार जाने वाली अधिकतर ट्रेनें मूरी के बाद सीधे बोकारो रेलवे स्टेशन रूकती है, बोकारो आरपीएफ की जिम्मेवारी अवैध शराब तस्करी रोकने की बढ़ जाती है। हमने इसलिए खासतौर पर बिहार जाने वाली ट्रेनों में चेकिंग बढ़ा दी है। विशेष अभियान ‘सतर्क’ शुरू कर दिया है। जनवरी में दो आरोपी अलग -अलग दिनों में बिहार जाने वाली ट्रेनों से शराब की बोतलों के साथ पकड़े गए है।
आरपीएफ के अनुसार 38 रम की बोतले 7 जनवरी को एचटीई-इस्लामपुर एक्सप्रेस में पकड़ाई है, वहीं 15,000 रूपये मूल्य की 25 रम और व्हिस्की की बोतलों के साथ एक आरोपी इसी ट्रैन में 13 जनवरी को पकड़ाया है।
आरपीएफ बोकारो को मिलें निर्देश में बताया गया है कि-
बिहार सरकार द्वारा प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू किये जाने के उपरान्त आपराधिक तत्वों द्वारा शराबबंदी को विफल करने हेतु तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर अन्य राज्यों से शराब की तस्करी कर बिहार में शराब की बिक्री की जा रही है। तस्करी हेतु सड़क मार्ग के साथ-साथ रेल मार्ग का भी उपयोग किया जा रहा है।
रेलगाडियों में सघन जांच के क्रम में पाया गया है कि बिहार के सीमावर्ती राज्यों में ट्रेनों के परिचालन या यार्ड में रहने के दौरान अपराधियों- तस्करों द्वारा ट्रेनों के शौचालय के सिलिंग के प्लाई बोर्ड को खोलकर उसके अंदर शराब छुपा दिया जाता है तथा प्लाईबोर्ड को पुनः फिट कर दिया जाता है। गंतव्य स्थान पर पहुँचने के उपरान्त पुनः उसे खोलकर शराब को निकाल लिया जाता है।
अनुसंधान के दौरान पाया गया है कि शराब तस्करों द्वारा बिहार के सीमावर्ती राज्यों के रेलवे यार्ड में सुरक्षाकर्मी एवं रेल कर्मियों की मिलीभगत से ट्रेनों के शौचालयों के सिलिंग में शराब को छुपा दिया जाता है। इस परिस्थिति में रेलवे स्टेशन के रेलवे यार्ड में विशेष जांच करने, निगरानी रखने की आवश्यकता है। जिससे रेलगाडियों के माध्यम से की जा रही शराब तस्करी पर रोक लगाई जा सकें।