Bokaro: बोकारो स्टील प्लांट (BSL) प्लांट से सटे दर्ज़नो गांव न ही पंचायत में आतें है और न ही निगम में। यह गांव बीएसएल (BSL) के नोटिफ़िएड लैंड है। जिस कारण इस इलाके का सम्पूर्ण विकास भयंकर रूप से प्रभावित हो रहा है। न इन इलाको में पंचायत चुनाव होता है, न ही यहां रहनेवाले हज़ारो लोग वोट दे पातें है। इन्ही मुद्दे को लेकर ग्रामीण युवाओ की एक टीम राज्य सरकार के पंचायती राज मंत्री से मिलें और यहां के लोगो के परशानियों को साझा किया।
बोकारो ग्रामीण रैयत अधिकार मोर्चा के संयोजक मंडली बगोदर विधायक बिनोद कुमार सिंह और पूर्व विधायक अरूप चटर्जी के नेतृत्व में मंत्री पंचायती राज सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से प्रस्तावित पंचायत संबंधित प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए मुलाकात किया गया। मौके पर कृषि पशु पालन मंत्री बादल पत्रलेख जी भी मौजूद थे।
बोकारो ग्राम के सदस्य मो.कमालुद्दीन अंसारी ने मंत्री को बताया की चतुर्थ इस्पात कारखाना के लिए वर्ष 1956 में 49 मौजा की भूमि का नोटिफिकेशन किया गया था। जिसमे 49 मौजा में से 29 मौजा की भूमि एवं गृह भाग का भौतिक कब्जा लिया गया। बाकी के बीस मौजा को अपनी वास्तविक स्थिति में छोड़ दिया गया। जिसमे आज भी ग्रामीण रैयत अपनी भूमि में ही बसे हुए हैं। खेती बारी कर जीवन यापन कर रहे हैं।
गाँवोंवालो के अनुसार एक साजिश के तहत उन्हें उनके हक से वंचित रखा जा रहा है। ग्रामीणों को वोट देने का अधिकार से वंचित रखा गया है।
अरविन्द कुमार ने कहा कि पंचायती राज मंत्री द्वारा भरोसा मिला है की जल्द से जल्द विभाग द्वारा आगे की कार्रवाई करते हुए प्रस्तावित पंचायत कुंडोरी, पंचोरा,महेशपुर, बैदमारा, महुवार उत्तरी, महुवार दक्षिणी को अधिसूचना जारी करके पंचायत चुनाव कराया जाएगा और बांसिमली व श्यामपुर को गठित पंचायत में जोड़ा जाएगा।
इस प्रतिनिधि मंडल में भीम रजक जिला सह सचिव मासस,बोकारो ग्राम के सदस्य अरविंद कुमार,राजु महतो,समीउल्लाह अंसारी मौजूद थे