Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

JMM-in-Action: ‘जनआक्रोश रैली’ में विस्थापितों की भीड़ देख कंपनिया एक बार सोचेंगी जरूर, अब ठुकराना मुश्किल


Bokaro: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने गुरुवार को बोकारो टाउनशिप के सेक्टर-4 के मजदूर मैदान में जनआक्रोश रैली के माध्यम से बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) को यह चेता दिया की अब विस्थापितों को दरकिनार कर प्लांट चलाना आसान नहीं होगा। जिन्होंने भी बीएसएल प्लांट बनाने के लिए जमींन दी है उनको उनका हक़, सम्मान, मुआवजा और नौकरी के साथ-साथ उनका अधिकार उन्हें देना होगा। झामुमो समझौते वाला आंदोलन नहीं करेगा।

झामुमो चाहती है की झारखण्ड में संचालित हर कंपनी का विकास हो पर यहां के स्थायी निवासियों के अरमानो और हक़ की बलि चढ़ा कर नहीं। इस माह के शुरुआत में झामुमो ने जमशेदपुर में टाटा स्टील के खिलाफ प्रदर्शन कर स्थानीय निवासियों के हक़ में आवाज़ उठाई थी। जो आज बोकारो पहुंच कर ललकार में बदल गई। झामुमो के स्थानीय नेताओ ने जमशेदपुर की तुलना में कई गुना अधिक जनसमर्थन के साथ गुरुवार को बीएसएल और बोकारो में संचालित दूसरी बड़ी कंपनियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।

जिला झामुमो ने बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) से जुड़े विस्थापित लोगो की समस्याओं और उनकी नौकरी की मांग को लेकर विशाल “जनआक्रोश” रैली निकाली है। सत्तारूढ़ झामुमो सरकार के पार्टी के कार्यकर्ता खुलकर विस्थापितों के समर्थन में उतरे। स्थानीय निवासियों को नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण देने के अलावा झामुमो नेताओ ने बीएसएल से अनुपयोगी जमीन को उसके भूस्वामियों को वापस करने की भी मांग जोरदार तरीके से की।

झामुमो को बोकारो में विस्थापितों से भारी समर्थन हासिल हुआ। जो लोग अपनी जमीन देने के बाद नौकरियों और मुआवजे के लिए कंपनियों से संघर्ष कर रहे थे वह लोग झामुमो के बैनर तले आकर आवाज़ बुलंद की। झामुमो जिला इकाई द्वारा आयोजित जनाक्रोश रैली में दामोदर घाटी निगम (DVC), तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन और अन्य के चंद्रपुरा और बोकारो ताप विद्युत संयंत्रों सहित बीएसएल और अन्य इकाइयों के हजारों विस्थापित लोग शामिल हुए।

लगभग एक दशक बाद ऐसा नज़ारा दिखा जब विभिन्न विस्थापित समूह झामुमो के बैनर तले एकजुट हुए और पीएसयू के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूत किया। कार्यक्रम स्थल पर विस्थापितों की अप्रत्याशित भीड़ थी। कई सौ लोग पंडाल के बाहर खड़े होकर सड़क किनारे से देखते पाए गए। झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन और कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के बैनर और पोस्टर के साथ पूरा शहर पटा हुआ था। भारी भीड़ के कारण कोरोना दिशानिर्देशों की धज्जियां उड़ती दिखी।

झामुमो के स्थानीय नेताओं ने बीएसएल और अन्य कंपनियों को खुली चेतावनी दी कि अगर विस्थापितों और स्थानीय निवासियों को नौकरी नहीं मिली तो वे देखेंगे की जेएमएम का उग्र रूप कैसा होता है। झामुमो के नगर अध्यक्ष मंटू यादव ने कहा, “राज्य के मुख्यमंत्री ने फैसला किया है कि चाहे वह सरकारी उपक्रम हो या निजी उपक्रम, उन्हें झारखंड के विस्थापितों और स्थानीय निवासियों को रोजगार देते हुए अपनी 75 प्रतिशत रिक्तियों को भरना है।”

उन्होंने कहा कि बोकारो के विधायक और बेरमो के पूर्व विधायक विस्थापितों को दिखाकर अपना धंधा कर रहे हैं। रही बात धनबाद के सांसद की तो उन्हें सदन में बोलने का मौका नहीं मिलता है छुपा सांसद है। यादव ने कहा कि बालीडीह में क्रिकेट स्टेडियम बने पर उनकी जमीन का एनएचएआई के दर पर भुगतान किया जाए। रैली के बाद दस सूत्री मांग पत्र बीएसएल प्रबंधन को सौंपा गया। मांग पत्र में बीएसएल और उसके अंदर काम करने वाली प्राइवेट कम्पनिया को 75 प्रतिशत नौकरी में आरक्षण, खाली पड़ी भूमि को उसके मालिकों को वापस करना आदि शामिल हैं।

झामुमो के जिलाध्यक्ष हीरालाल मांझी ने कहा, “अगर कंपनियां प्लांट चलाना चाहती हैं, तो विस्थापितों को नौकरी देनी होगी। अब ऐसा नहीं चलेगा कि अपनी जमीन देकर प्लांट बनाने वाले बाहर में बेरोजगार घूमेंगे और अधिकारियों के चहेते प्लांट में नौकरी करेंगे। प्लांट चलाना है प्लांट का विकास करना है तो हर हाल में जो जमीन के मालिक है उन्हें अपने काम के साथ जोड़ना पड़ेगा अन्यथा विस्थापित विरोधी अधिकारियों को झारखंड मुक्ति मोर्चा बोकारो से बाहर का रास्ता दिखाने का काम करेगी। जो झारखण्ड के मुख्यमंत्री ने तय कर दिया है है वह फाइनल है “:

गोमिया विधानसभा के पूर्व विधायक योगेंद्र महतो ने कहा कि बोकारो स्टील मैनेजमेंट को यह भी समझना चाहिए कि भले ही यह एक केंद्रीय उपक्रम है, लेकिन राज्य के नियमों और विनियमों का पालन किए बिना इसे चलाना मुश्किल होगा. यहां के लोगों को रोजगार देना है। उसके बाद ही आपको काम करना है।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से बोकारो जिला सचिव जय नारायण महतो जिला कोषाध्यक्ष अशोक मुर्मू , फिरदोस अंसारी, जय झारखंड मजदूर समाज के बीके चौधरी, जिला उपाध्यक्ष मोहन मुर्मू , दिलीप मुर्मू, मनोहर मुर्मू, पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष राधानाथ सोरेन , चास महानगर अध्यक्ष आलोक सिंह , जिला प्रवक्ता मदन मोहन महतो , निवारण दीगर, छात्र मोर्चा के महेश मुंडा, अमित सोरेन, मुक्तेश्वर महतो, मिथुन मंडल, राकेश सिन्हा, दीपू सिंह, सुनील महतो, चंदू मुंडा, हरेराम पाण्डेय, निशा हेम्ब्रम, भसान दी सहित अन्य उपस्थित थे।


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One thought on “JMM-in-Action: ‘जनआक्रोश रैली’ में विस्थापितों की भीड़ देख कंपनिया एक बार सोचेंगी जरूर, अब ठुकराना मुश्किल
  1. मान्यवर
    संपादक महोदय
    Cureent Bokaro
    बोकारो में झारखंड मुक्ति मोर्चा के द्वारा आयोजित जनाक्रोश रैली अपने कार्यक्रम के नाम को सार्थक कर रही है ,लोगों में राज्य सरकार के प्रति आक्रोश है ।यहां रह रहे सभी लोगों ने झारखंड के संस्कृति और सभ्यता से रूबरू हैं ।सब में झारखंडी पन है,जिसे लेकर सवाल उठना सही नही कहा जा सकता है ।झारखंड की सरकार हर मोर्चे पर विफल है ,इसे छुपाने की जिद ना करें हमारे विपक्ष के नेता गण ।

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