Bokaro: सड़क दुर्घटना में घायल किसी अनजान व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुंचाकर जान बचाने वाले नेक इंसान (गुड सेमेरिटन) को राज्य सरकार द्वारा अब पांच हजार रुपए इनाम एवं प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। राज्य सरकार ने गुड सेमेरिटन को कानूनी पेंचदगियों से बचाने के अलावा सम्मान स्वरूप पांच हजार रुपए व प्रशस्ति पत्र देने का प्रावधान किया है, ताकि लोग सड़क दुर्घटना में घायल की बिना किसी डर के तत्काल मदद कर उनकी जान बचाने में मददगार बन सकें। इस बाबत परिवहन विभाग (सड़क सुरक्षा) झारखंड सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है।
इस बाबत उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने मंगलवार को जिलावासियों से अपील किया कि सड़क दुर्घटना में घायल किसी भी अनजान व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुंचाकर जान बचाने का काम करें। गंभीर रूप से घायल व्यक्ति की सहायता करने तथा सुनहरा घंटा (गोल्डेन आवर) में अस्पताल पहुंचाने में सहायता करने वाले नेक व्यक्ति को प्रोत्साहित करने हेतु पांच हजार नगद पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।
अस्पताल लाने वाले से नहीं होगी ज्यादा पूछताछ
इस योजना के तहत यदि कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल को अस्पताल में पहुंचाता है तो उसे जानकारी नोट करवाने के बाद तुरंत ही अस्पताल से जाने दिया जाएगा। उससे ज्यादा पूछताछ नहीं की जाएगी। सड़क दुर्घटनाओं में लोग गंभीर घायल होते हैं। अक्सर आम लोग कानूनी कार्रवाई के डर से सहायता करने से कतराते हैं।
कई बार इससे घायल को समय पर चिकित्सा सहायता नहीं मिल पाती। जबकि शुरुआती समय (गोल्डेन आवर) उसके लिए बेहद खास होता है। पुलिस उनसे सामान्य जानकारी के अलावा अन्य पूछताछ नहीं करेगी एवं न ही पुलिस थाने आने के लिए बाध्य करेगी। अस्पताल घायल को पहुंचाने वालों से घायल के उपचार के लिए पैसों की मांग नहीं करेंगे। साथ ही, उपचार भी तत्काल शुरू करना होगा।
ये करना होगा बेहतर काम तभी मिलेगा पुरस्कार
घायल व्यक्ति को लाने वाला मददगार अपनी जानकारी, नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि अस्पताल स्टाफ को नोट करवा दें। घायल व्यक्ति को इलाज के अनुसार एक रिपोर्ट तैयार करेंगे कि व्यक्ति गंभीर था या नहीं, इस रिपोर्ट के आधार पर ही लाभार्थी को विभाग की सामान्य प्रक्रियाओं के बाद सम्मान राशि व प्रशस्ति पत्र दी जाएगी।
निधित प्रावधान के अनुपालानार्थ राज्य सरकार ने सभी जिलों में जिला स्तरीय मूल्यांकन समिति एवं राज्य स्तर पर राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति गठित किया है। जिला स्तरीय मूल्यांकन समिति में उपायुक्त अध्यक्ष हैं, जबकि सदस्य पुलिस अधीक्षक,सिविल सर्जन एवं सदस्य सचिव जिला परिवहन पदाधिकारी हैं।
गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर निर्णय देते हुए गुड सेमेरिटन की गाइडलाइन निर्धारित की थी। सुप्रीम कोर्ट की निर्देशानुसार अगर मददगार घायल को अस्पताल पहुंचाता है तो उसे अनावश्यक पूछताछ नहीं की जाएगी। न ही उसके घायल के बारे बताने के लिए बाध्य किया जा सकेगा।