Bokaro: बोकारो के गावों में घूम-घूमकर मदारियों द्वारा दो भालू का खेल दिखाते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ। जिसे देखकर यूपी से लोकसभा सांसद मेनका गांधी ने शनिवार को बोकारो के प्रसाशनिक और वन अधिकारियों को फ़ोन लगा उन भालुओं को बचाने को कहा। जिसके बाद वन विभाग की विशेष टीम ने रविवार को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और बोकारो के नावाडीह इलाके के परसबनी पंचायत के बांध ऊपर गांव के समीप से दोनों भालुओं को बरामद किया।
बोकारो के डिविशनल फारेस्ट ऑफिसर (DFO) ए के सिंह ने बताया कि दो भालुओं को रेस्क्यू किया गया है। टीम के सदस्यों को देखते ही मदारी भाग निकले। उनकी खोज जारी है। इससे सम्बंधित क़ानूनी कार्रवाई की जा रही है। बचाये गए भालुओं को वन विभाग ने अच्छे से देखभाल की। उन्हें शहद, तरबूज, बिस्कुट और ग्लूकोस दिया। यहां से रांची भेजने से पहले भालुओं को सेनेटाइज़ भी किया गया।
सिंह ने बताया कि “मेनका गांधी का फ़ोन उन्हें आया था। उन्होंने भालुओं को बचाने की बात कही थी। रेस्क्यू ऑपरेशन सफल होने तक वह बात करती रही “। Video:
दो भालू जिनको बरामद किया गया वह लोहे के चैन में बंधे थे। दोनों स्लोथ बियर है और नर है। अपने कब्जे में लेने के बाद डीएफओ ने रांची से एक्सपर्ट को बुलाया जो परसबनी गांव पहुंचकर भालुओं को लोहे के पिंजरे में बंद कर रांची के बरवे रेस्क्यू सेंटर ले गए। यह रेस्क्यू सेंटर रांची के ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा मुंडा बॉयोलॉजिकल पार्क के पास स्तिथ है।
बताया गया कि सोशल मिडिया में दो भालू के साथ करतब का वीडियो वायरल होने पर पीपुल फॉर एनिमल संस्था के निश्चय कुमार ने इसकी सूचना वन प्राणी के हित में कार्य कर रही संस्था के निर्देशक सह भाजपा सांसद मेनका गांधी दी। उन्होंने मदारी के चुंगल से भालू को मुक्त कराने की गुहार लगाई। सूचना मिलते ही सांसद ने इसकी सुचना बोकारो के अधिकारियों को देते हुए तुरंत एक्शन लेने को कहा।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची -1 के तहत सुस्त भालू संरक्षित हैं। इस अनुसूची में लुप्तप्राय प्रजातियों को शामिल किया गया है। अनुसूची 2 की अनुसूची -1 और भाग 2 पूर्ण सुरक्षा प्रदान करते हैं- इनके तहत अपराध उच्चतम दंड निर्धारित हैं।