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इलेक्ट्रोस्टील स्टील प्लांट बिकेगा की नहीं, बोकारो से लौटकर वेदांता ग्रुप के सीईओ ने चुप्पी तोड़ते हुए यह कहा


Bokaro: इलेक्ट्रोस्टील स्टील लिमिटेड (ESL Steel Limited) प्लांट को बेचने का मन बना रहे वेदांता ग्रुप की खबर सुर्खियों में आने के बाद आज कंपनी ने चुप्पी तोड़ी। बोकारो में सोमवार को ईईएसएल प्लांट का दौरा कर वापस लौटने के बाद, वेदांता समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO), सुनील दुग्गल ने कोलकत्ता में कहा कि ईएसएल स्टील प्लांट का क्षमता विस्तार होगा।

दुग्गल ने कहा कि “मैंने अभी इलेक्ट्रोस्टील का दौरा किया और प्रगति की समीक्षा की। वेदांता इलेक्ट्रोस्टील अपनी क्षमता के विस्तार को 3 एमटी तक पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करेगी”।

कंपनी ईएसएल को बेचने पर विचार कर रही है या नहीं, इस सवाल के जवाब में दुग्गल ने कहा कि आज की तारीख में, यह कोई विषय नहीं है। दिमाग में इस तरह के सवाल चल रहे है। पर उनकी प्राथमिकता क्षमता दोगुनी करने की है। उन्हें उत्पादन छमता को 1.5 मिलियन टन से 3.0 मिलियन टन करना है।

दुग्गल ने वेदांता के समक्ष विकल्पों की व्याख्या करते हुए कहा कि “अगर हम स्टील के कारोबार में रहना चाहते हैं, तो हमें एक ताकत बनना चाहिए। 4-5 मिलियन टन की क्षमता भी कोई छोटी क्षमता नहीं है, लेकिन अंततः हम इलेक्ट्रोस्टील को 10 मिलियन टन के मेगा प्लांट में परिवर्तित करना चाहेंगे। बेल्लारी (कर्नाटका) में भी हमारी एक साइट है। हम वहां एक प्लांट लगाना पसंद कर सकते हैं। इसलिए हम अगले 3-5 वर्षों में 10-20 मिलियन टन स्टील प्लेयर के रास्ते पर हो सकते हैं, अगर हम बने रहना चाहते हैं,”।

बता दें, वेदांता ने 2018 में इलेक्ट्रोस्टील स्टील लिमिटेड के अधिग्रहण के साथ इस्पात क्षेत्र में प्रवेश किया। बोकारो स्थित कंपनी, जिसे बाद में ईएसएल स्टील लिमिटेड का नाम दिया गया, 2023 तक 3 मिलियन टन की क्षमता को दोगुना करने का प्रयास कर रही है। यह इकाई अन्य लोगों के बीच डकटाइल आयरन पाइप, टीएमटी और वायर रॉड का उत्पादन करती है। वेदांता की गोवा में 1 मिलियन टन पिग आयरन इकाई भी है।

 

 

 

 

Source : https://www.telegraphindia.com/business/vedanta-to-re-assess-future-in-steel-business/cid/1898341


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