Bokaro: बोकारो रेलवे स्टेशन में आरपीएफ का ऑपरेशन “नार्कोस” जारी है। इसके तहत नशे का कारोबार करने वालों के खिलाफ लगातार मुहिम चलाई जा रही है। जिसमे सफलता भी मिल रही है। आरपीएफ की टीम ने इस ऑपरेशन के तहत कई बार भारी मात्रा में गांजा बरामद किया है। ट्रैन के मार्फ़त ओडिशा से झारखण्ड, बिहार और बंगाल में स्मगलिंग किये जा रहे गांजे के पुरे नेटवर्क पर आरपीएफ ने गहरी चोट की है।
इस टीम ने शुक्रवार को धनबाद-एलएपी के कोच संख्या एस-फोर के बर्थ नंबर चार के नीचे दो ट्राली बैग में भरा हुआ गांजा बरामद किया। जांच करने पर इसमें नौ किलो सात सौ ग्राम गांजा था। 48 दिन में इस ट्रेन से आरपीएफ की टीम ने तीसरी बार गांजा बरामद किया है। इसके पहले 25 जून को 43 किलो गांजा बरामद हुआ था, जिसमें बर्द्धमान निवासी मंटू घोष गिरफ्तार हुई थी। इसके बाद इसी ट्रेन के जनरल डिब्बा से 22 जुलाई को 32 किलो गांजा बरामद हुआ था। उस दिन भी बर्द्धमान निवासी सईली बेगम पकड़ी गई थी। पकड़े गए दोनों ने बताया था कि वह ओडिशा से गांजा लेकर जा रहे है।
बोकारो आरपीएफ पोस्ट के ऑफिसर इचार्ज, राजकुमार साव ने बताया कि शुक्रवार को आरपीएफ की टीम ट्रेन नंबर 13352 एलेप्पी-धनबाद एक्सप्रेस ट्रेन की चेकिंग करते हुए बोकारो रेलवे स्टेशन पहुंची। चेकिंग के दौरान कोच नं. S-4, हमें बर्थ नंबर के नीचे 01 लाल रंग का ट्रॉली बैग मिला। 4 अप्राप्य स्थिति में। बैग पर दावा करने के लिए कोई दावेदार नहीं आया। उसे बैग को जप्त कर बोकारो रेलवे के एरिया मैनेजर, अरविंद प्रदीप के पास लाया गया।
एरिया मैनेजर की देखरेख में एसआई बलराम मीणा द्वारा बैग को खोलकर पूरी तरह से जांचा गया। जांच करने पर ट्रॉली बैग से भूरे रंग के टेप में लिपटे 02 पैकेट मिले। टेप को हटाकर पैकेट को आंशिक रूप से खोला गया था। रंग, बनावट और गंध से, प्रत्येक पैकेट में ‘गांजा’ होने का संदेह था, जो कि मादक और मनोदैहिक पदार्थ गांजा भांग के रूप में संदिग्ध है। 02 पैकेट का सकल वजन एक इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन पर लिया गया था और जब्त ‘गांजे’ का वास्तविक सकल वजन 9.7 किलोग्राम पाया गया था।