Bokaro: बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) के ब्लास्ट फर्नेस 1 में आज रविवार सवेरे आग लगने से उत्पादन ठप हो गया। इस घटना में कोई भी कामगार हताहत नहीं हुआ है। ब्लास्ट फर्नेस 1 के टुयर में आग लगने के पहले धमाका हुआ था। ब्लास्ट से चिंगारी निकली और आग ने चपेट में ले लिया। कुछ देर के लिए अफरा तफरी मच गई।
इस घटना के बाद बीएसएल का उत्पादन प्रभावित हुआ है। 58 दिनों में बीएसएल प्लांट की यह दूसरी घटना।
बताया जा रहा है कि ब्लास्ट फर्नेस 01 के टुयर संख्या 17 में आज सुबह लगभग 10:30 बजे अचानक आग लग गई। घटना की जानकारी सीआईएसएफ फायर ब्रिगेड को तुरंत दी गई। जिसके बाद फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुँच कर आग पर काबू पा लिया है। घटना में टुयर के केबुल जले हैं। स्थिति सामान्य करने की कोशिश की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार बीएसएल में पांच ब्लास्ट फर्नेस है। जिसमे 3 नंबर ब्लास्ट फर्नेस पहले से कैपिटल रिपेयर में है। 1 नंबर ब्लास्ट फर्नेस में हुए इस घटना के बाद, बीएसएल में इस्पात उत्पादन सिमट कर कुल तीन ही ब्लास्ट फर्नेस से हो रहा है। इससे स्टील उत्पादन में लगे दूसरे यूनिट में भी उत्पादन प्रभावित होने की संभावना है। इस घटना से बीएसएल को उत्पादन के साथ-साथ आर्थिक नुक्सान भी उठाना पड़ सकता है।
बताया जा रहा है कि ब्लास्ट फर्नेस 1 से करीब 3500 टन इस्पात का उत्पादन होता था। ब्लास्ट फर्नेस 01 में करीब 24 टुयर है। जिसमे 17 नंबर में ब्लास्ट के साथ आग लगी है। यह घटना कैसे घटी प्रबंधन इसकी जानकारी हासिल करने में लगा हुआ है। पर बीएसएल टीम की प्राथमिकता जल्द से जल्द फिर से उत्पादन शुरू करने की है।
बीएसएल के प्रवक्ता मणिकांत धान के अनुसार ब्लास्ट फर्नेस 1 आज रात्रि पाली से बहाल हो जाएगा। 4 भट्टियों से दैनिक उत्पादन लगभग 13500 टन है। बीएफ 1 घटना के कारण, लगभग 1500 टी की कुछ कमी होने की संभावना है जिसे बाद में समायोजित किया जाएगा।
58 दिनों में BSL में यह दूसरी बड़ी घटना
यूं तो, बीएसएल, स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (SAIL) की सबसे अलभ अर्जित करने वाली स्टील इकाई है। पर इस तरह की दुर्घटना भी बीएसएल में सबसे अधिक होती है। 58 दिनों में इस तरह की यह दूसरी घटना है। इसके पहले, 29 जून को रात करीब 11 बजे बीएसएल में एसएमएस-2 के कैस्टर-2 में आग लग गई, जिससे कुछ बिजली के केबल और हाइड्रोलिक होसेस क्षतिग्रस्त हो गए। आग तुरंत बुझा दी गई पर उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ।