Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

SAIL-BSL: अभिभावक की भूमिका में नजर आये ईडी और डायरेक्टर, बिरहोर बच्चों से मिले पढ़ाई के बारे में पूछा


Bokaro: सेल-बीएसएल (SAIL-BSL) के निदेशक प्रभारी अमरेंदु प्रकाश और अधिशासी निदेशक (संकार्य) अतनु भौमिक ने शनिवार को बीएसएल की ज्ञान ज्योति योजना के तहत गोद लिए गए बिरहोर बच्चों से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान निदेशक प्रभारी ने बच्चों को उपहार प्रदान किए, साथ ही दसवीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चों से परीक्षा की तैयारी की जानकारी ली. उन्होंने बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद और अन्य ऐसी गतिविधियों में भी हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया और उन्हें शुभकामनाएं दी.

बीएसएल के चीफ ऑफ़ कम्युनिकेशन मणिकांत धान ने बताया कि कंपनी ने सीएसआर के तहत बिरहोर बच्चों को गोद लिया है। बीएसएल अधिकारी इन बच्चो को जिला कल्याण विभाग के सहयोग से गोमिया प्रखंड अंतर्गत जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित उनके गांव तुलबुल, खाखंडा से लाए हैं.

बिरहोर एक आदिम जनजाति है। वैसे बिर का अर्थ जंगल और होर का अर्थ आदमी होता है। बिरहोर पहाड़ों और जंगलों में एकांत जीवन बिताने वाले लोग हैं। बिरहोर छोटानागपुर के पठार की संभवतः सबसे प्राचीन घुमक्कड़ जातियों में से एक है। इनका कोई निश्चित आवास स्थल नहीं है। ये लोग छोटे झुंडों में एक जंगल से दुसरे जंगल बंदरों को पकड़ने, खरगोशों का पीछा करने, हिरण तथा अन्य जानवरों का शिकार करने तथा मधु और रस्सी बनाने के काम में आने वाले रोप फाइबर जमा करने के लिए घुमते फिरते हैं। ये लोग रस्सियाँ, मधु तथा मोम बेचने का काम भी करते हैं।


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