Bokaro: कई दूसरे बड़े शहरों के तर्ज़ पर बोकारो स्टील टाउनशिप की बिजली व्यवस्था भी बदली जा रही है। इस दिवाली-छठ से यह काम शुरू हो चूका है। बीएसएल टाउनशिप के टीई-विद्युत विभाग (TE Electrical) को शहर के बिजली व्यवस्था को अपग्रेड करने के लिए काफी बजट भी आवंटित किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि टाउनशिप की बिजली व्यवस्था मजबूत करना डायरेक्टर इंचार्ज अमरेंदु प्रकाश के प्राथमिकता में है। समय-समय पर बोकारो विधायक विरंची नारायण भी उनसे मिल कर टाउनशिप की बिजली-व्यवस्था मजबूत करने को कहते रहे है। सिटी सेंटर प्लाट होल्डर एसोसिएशन के साथ-साथ विभिन्न सेक्टरों से भी बिजली से जुड़ी शिकायतें बढ़ती जा रही थी।डायरेक्टर इंचार्ज ने अपने पिछले एक साल के कार्यकाल में टाउनशिप में हो रही बिजली की चोरी से लेकर, स्ट्रीट लाइट और ट्रांसफार्मर से जुड़ी छोटी-छोटी समस्याओ को समझा। फिर सुधार को लेकर स्ट्रेटेजी बनाई। बताया जा रहा है कि उसी स्ट्रेटेजी के तहत टीई-विद्युत विभाग (TE Electrical) में कई सालों से जमे अधिकारियों को प्लांट भेजा गया और प्लांट के अंदर से अधिकारियों को डिपार्टमेंट की कमान दी गई।
कैपिटल रिपेयर (CR) इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के राजुल हरकर्णी को टाउनशिप के टीई-विद्युत विभाग का जेनेरल मैनेजर बनाया गया। साथ ही डायरेक्टर इंचार्ज, ईडी (P&A) ने शहर से जुड़ी बिजली की समस्याओ का लेकर रिव्यु किया। और एक नए सिरे से बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ करने में जुट गए।अगले 12 महीनो में बीएसएल टाउनशिप के बिजली व्यवस्था में यह बदलाव दिखेगा:
टीई-विद्युत विभाग कई योजनाएं पर काम शुरू कर दिया हैं। ऊर्जा बचाने और टाउनशिप की रोशनी बढ़ाने के लिए, बीएसएल ने सभी पारंपरिक मर्करी वेपर और सोडियम वेपर लाइट्स को खत्म करने और एलईडी (LED) लाइट्स लगाने का फैसला किया है। लगाए गए सभी हाई मास्ट को भी एलईडी हाई मास्ट में बदला जाएगा और 70 और एलईडी हाई मास्ट लगाए जाने हैं।
टीई-इलेक्ट्रिकल डिजिटलीकरण के पथ पर आगे बढ़ रहा है और दो परियोजनाओं को हाथ में लिया गया है:
1) स्मार्ट मीटरों की स्थापना। इससे बिजली की खपत और ऑनलाइन बिलिंग की पारंपरिक मीटरिंग की सभी कमियां दूर हो जाएंगी। प्री-पेड मीटर की तुलना में बीएसएल प्रबंधन स्मार्ट मीटर को टाउनशिप के लिए अधिक सफल मान रहा है। स्मार्ट मीटर लगने से बिजली के तारो में टैंपरिंग करना मुश्किल होगा, जो प्री-पेड मीटर में रोक पाना मुश्किल था। स्मार्ट मीटर लगने से काफी हद तक चोरी रोकी जा सकेगी।2) इंटेलिजेंट ट्रांसफॉर्मर मॉनिटरिंग सिस्टम– टीई-इलेक्ट्रिकल में पूरे टाउनशिप में फैले विशाल रेंज वितरण ट्रांसफार्मर हैं। समानांतर में सभी ट्रांसफार्मर की निगरानी करना विशेष रूप से असंभव है। क्लाउड कंप्यूटिंग के माध्यम से विभिन्न मापदंडों जैसे तेल का तापमान, तेल का स्तर और अन्य को डिजिटलीकरण के माध्यम से मॉनिटर किया जा सकता है और सूचना को नगर सेवा भवन में डेस्क फॉर्म पर प्रदर्शित किया जा सकता है। इससे ट्रांसफार्मर जलने की गुंजाइश खत्म हो जाएगी।
3) अष्टकोणीय स्मार्ट लाइटिंग पोल – मुख्य सड़कों पर पारंपरिक सीमेंट के खंभे को अष्टकोणीय स्मार्ट लाइटिंग पोल से बदलने की योजना बनाई गई है।
4) भूमिगत केबल- फीडर ऑग्मेंटेशन की योजना बनाई गई है जिसमें मुख्य सबस्टेशन से विभिन्न सेक्टर सबस्टेशनों तक भूमिगत केबल बिछाई जाएगी।इनके अलावा कई छोटे-छोटे प्रस्ताव पाइपलाइन में हैं। योजना के अनुसार सभी प्रस्ताव एक के बाद एक पूर्ण किये जाने है। बताया जा रहा है कि बीएसएल प्रबंधन बहुत ही महीन स्ट्रेटेजी पर काम कर रहा है। वह पहले अतिक्रमित इलाको में बिजली चोरी रोकने के लिए अभियान नहीं चलाने वाला है। बल्कि बेहतर प्रबंधन से ऐसी व्यवस्था करने जा रहा है की पोल और तारों में हूकिंग-टैंपरिंग करके भी लोगो को बिजली नहीं मिल पायेगी।