Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

SAIL-BSL: दूसरे राज्यों से इंटरव्यू देने आये युवाओं को विस्थापितों ने केंद्र में नहीं दिया घुसने, हुआ हंगामा


Bokaro: दूसरे राज्यों से गुरुवार को बोकारो इस्पात संयंत्र (SAIL-BSL) में इंटरव्यू देने आये युवाओं को यहां के बेरोजगार विस्थापितों ने परीक्षा केंद्र में घुसने नहीं दिया। इसी क्रम में सेल रेफ्रेक्टोरिएस यूनिट (SRU) के मेंन गेट पर बीएसएल द्वारा तैनात होमगार्ड जवानो के साथ आंदोलनरत विस्थापितों की धक्का-मुक्की भी हुई। पर विस्थापित अप्रेंटिस संघ (VAS) के बैनर तले नौकरी की मांग कर रहे विस्थापित वहां से टस से मस नहीं हुए। यह इंटरव्यू SRU हेडक्वार्टर, सेक्टर 4 में होना था। Video: 

खबर लिखे जाने तक सैकड़ो विस्थापित SRU के मेंन गेट के साथ-साथ बीएसएल के हेडक्वार्टर कहे जाने वाले इस्पात भवन और एचआरडी सेंटर के सामने घरना में बैठे हुए है। बीएसएल के इन प्रतिष्ठानों का गेट जाम है। पिछले आंदोलनों की तरह बीएसएल प्रबंधन ने जिला प्रसाशन का सहयोग माँगा है। VAS के विस्थापित युवा प्लांट ट्रेनिंग पूरी कर चुके है। पिछले कुछ वर्षो से बीएसएल प्रबंधन से अविलंब सीधे बहाल किया जाने की मांग कर रहे है। अपनी मांगो के समर्थन में विस्थापित बुधवार से धरना दें रहे है।

डीएसपी सिटी कुलदीप कुमार स्पॉट पहुंचकर विस्थपितों को समझा-बुझाकर आंदोलन ख़त्म करवाने का प्रयास किया पर बात नहीं बनी। विस्थपितों ने कहा कि जबतक बीएसएल प्रबंधन उन्हें नौकरी देने सम्बंधित लिखित आश्वासन नहीं दे देता तबतक उनका आंदोलन जारी रहेगा। हालांकि बीएसएल प्रबंधन को विस्थापितों द्वारा इंटरव्यू के विरोध किये जाने का अनुमान था, इसलिए प्रबंधन ने परीक्षा केंद्र को रातो-रात अपने HRD सेंटर से 3 किलोमीटर दूर सेल रेफ्रेक्टोरिएस यूनिट (SRU) सेक्टर 4 में शिफ्ट कर दिया था। पर विस्थापितों को इसकी भनक लग गई और सुबह ही SRU पहुंचकर उन्होंने इंटरव्यू को बाधित कर दिया। बताया जा रहा है कि सेल-बीएसएल ने स्पेशल रिक्रूटमेंट ड्राइव के अंतर्गत 49 अटेंडेंट-तकनीशियन ट्रेनी कि वैकन्सी निकाली थी। जिसकी लिखित परीक्षा में 100 से ऊपर लोग चयनित हुए थे। चयनित कैंडिडेट को अक्टूबर 21 से 23 को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। जिसके विरोध में विस्थापितों ने इंटरव्यू बाधित कर दिया। VAS के अमजद हुसैन ने कहा कि हमारी नौबत भूख से मरने की हो गयी है। बोकारो इस्पात प्रबंधन की टाल मटोल नीति के कारण विस्थापित डिप्रेसन का शिकार हो रहे हैं। हम क्या करें, हमारे पास और कोई विकल्प नहीं है।

बता दें कि इन दिनों विस्थापितों का बीएसएल प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन चरम पर है। राज्य की रूलिंग पार्टी, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (JMM) और यहां के अन्य पार्टियों के नेता विस्थापितों के समर्थन में बीएसएल प्रबंधन के खिलाफ आवाज़ बुलंद कर रहे है। इस माहौल में बीएसएल प्रबंधन की चुप्पी, स्तिथि को तनावपूर्ण बनाती जा रही है।VAS की मुख्य मांगे :-
1. प्लांट ट्रेनिंग पूरा कर चुके सभी विस्थापित अप्रेंटिस को बीएसएल में अविलंब सीधे बहाल किया जाये।
2. सभी विस्थापित अप्रेंटिस का प्लांट ट्रेनिंग के बाद बीएसएल में नियोजन सुनिश्चित किया जाए।
3. सभी तरह के बहालियो में विस्थापितों के लिए अधिकतम उम्र सीमा को पूर्व की भांति 45 वर्ष किया जाए।
4. तीसरी सूची तथा बाकी अन्य विस्थापितों का ट्रेनिंग अविलंब प्रारंभ करवाया जाए।
5. तीसरी सूची के प्रशिक्षुओं से जो एफिडेविट मांगा जा रहा है वह असंवैधानिक है, इसे फौरन रद्द किया जाय।


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