Bokaro: बोकारो इस्पात संयंत्र (SAIL-BSL) के डायरेक्टर इंचार्ज, अमरेंदु प्रकाश अचानक बिना किसी को बताये प्लांट के उत्तरी क्षेत्र में बसे विस्थापित पचौरा गावं पहुंच गए। वहां वैकल्पिक जल पाइपलाइन परियोजना, जिसको विस्थापितों ने रोक रखा है, उसका मुआयना किया। डायरेक्टर इंचार्ज के साथ ईडी, सीजीएम लक्ष्मी दास और सीजीएम भूपिंदर सिंह पोपली भी थे।
ऐसा पहली बार हुआ है, जब बीएसएल (BSL) के डायरेक्टर इंचार्ज या उस लेवल के उच्च अधिकारी शहर के सेक्टर 9 से आठ किलोमीटर दूर स्तिथ विस्थापित गावं पहुंचे हो। वह भी उस जगह जहां पिछले कई महीनो से विस्थापितों ने काम बाधित का रखा है। डायरेक्टर इंचार्ज के पचौरा जाने की सुचना ईडी या फिर उनके साथ गए किसी भी अधिकारी को पहले नहीं थी।
अचानक पहुंचे बीएसएल अधिकारियो की गाड़ी देखकर, पहले तो आसपास के विस्थापित सोचे की ऐसे ही कोई अधिकारी होगा, पर जब पास पहुंचे तो जाना की वह अमरेंदु प्रकाश है। जिसके बाद यह सुचना तुरंत चारो ओर फैल गई और धीरे-धीरे लोग जुटने लगे। लोग अजराज कर कह रहे थे कि BSL के एडीएम गेट पर कई बार विस्थापितों ने धरना दिया-आंदोलन किया पर उस वक़्त डायरेक्टर इंचार्ज कभी नहीं आये और आज दूर उन्ही के गांव पहुँच गए।
बताया जा रहा है कि डायरेक्टर इंचार्ज अपनी टीम के साथ वहां काफी देर रुके। इधर-उधर घूमकर दामोदर नदी से कूलिंग पौंड के बीच बिछाए जा रहे पाइप लाइन के काम को देखा। विस्थापितों से बातचित की। कुछ उनकी सुनी, कुछ अपनी कही। माहौल बढ़िया था। विस्थापितों ने डायरेक्टर इंचार्ज को कहा कि यह अच्छी बात है कम से कम आप यहां आये तो।
बताया जा रहा है कि विस्थापितों ने डायरेक्टर इंचार्ज को अपने गांव के हालात के बारे में खुल कर बताया। उन्होंने बताया कि कैसे विकास के आभाव में उनका इलाका पिछड़ा हुआ है। टाउनशिप में तो खटाल में बिजली-पानी है, उनके गांव में वह भी नहीं है। उनके पूर्वजो ने जो सोचकर जमीन दिया था उसका फायदा से अधिक उनको नुक्सान हो रहा है। उन्हें रोजगार चाहिए। रोजगार का जरिया चाहिए।
विस्थापितों ने ही बताया कि डायरेक्टर इंचार्ज ने बड़े आराम से उनकी सारी बातें सुनी, उनको समझाया। अपनी मज़बूरी बताई और आश्वासन दिया की धैर्य रखिये अब सब बढ़िया होगा। फिर वह अपने टीम के साथ लौट गए।
क्या है पाइपलाइन परियोजना –
बीएसएल (BSL) वर्तमान में 34 किलोमीटर लम्बी तेनु नहर से पानी प्राप्त कर रहा हैं जो तेनुघाट बांध से स्टील प्लांट के बीच हैं. अब इसके आलावा बीएसएल दामोदर नदी से वैकल्पिक 5 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन लगा रहा है. बीएसएल सूत्रों ने बताया कि इस परियोजना के लिए 2019 में अनुबंध किया गया था. इसके बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ जो लगभग एक साल तक बिना किसी बाधा के चलता रहा.
उसके बाद कोरोना काल में कोई काम नहीं हो सका. जनवरी 2022 में फिर से काम शुरू करने की कोशिश की गई पर कुछ दिन ही चल पाई. उसके बाद, ग्रामीणों ने बीएसएल से नौकरी की मांग करते हुए काम बंद कर दिया. बीच में कई बार दंडाधिकारी की तैनाती कर काम शुरू करने का प्रयास किया गया लेकिन कुछ खास प्रगति नहीं हो सकी. अभी तक काम बाधित है।
BSL की 5 किलोमीटर लम्बी वैकल्पिक पाइपलाइन परियोजना फिर हुई बाधित