Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

SAIL-BSL: सेल ने 15 मिलियन टन क्षमता विस्तार की दिशा में बढ़ाया कदम, बीएसएल की भूमिका महत्वपूर्ण


Bokaro: भारत का प्रमुख इस्पात निर्माता सेल (SAIL) 15 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) उत्पादन बढ़ाने की विस्तारीकरण योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। सेल न केवल अपनी स्थापित इस्पात बनाने की क्षमता का विस्तार करेगी, बल्कि नई प्रौद्योगिकियां भी स्थापित करेगी। साथ ही कच्चे माल और तैयार उत्पादों की आवाजाही के लिए लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढांचे का विकास करेगी।

बता दें, सेल की वर्तमान इस्पात बनाने की क्षमता लगभग 20 मिलियन टन प्रति वर्ष है।

BSL की भूमिका महत्वपूर्ण
बताया जा रहा है कि सेल के विस्तारीकरण योजना में बोकारो स्टील प्लांट (BSL) की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। बोकारो स्टील प्लांट में कच्चे इस्पात की उत्पादन क्षमता को मौजूदा 4.66 एमटीपीए से बढ़ाकर 7.16 एमटीपीए किया जायेगा। प्रस्तावित विस्तार योजना के तहत सेल झारखंड के बोकारो स्तिथ अपने बीएसएल प्लांट में उत्पादन बढ़ाने को लेकर भारी निवेश करेगा। यहां ब्राउनफ़ील्ड प्रोजेक्ट लगाने की योजना है।

विशाल ब्लास्ट फर्नेस स्थापित करने की योजना, 2024 में काम शुरू
सेल प्रथम चरण के विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत बीएसएल की उत्पादन क्षमता 5.25 एमटीपीए से बढ़ाकर 7.41 एमटीपीए करने जा रही है। बीएसएल प्लांट में 4500 क्यूबिक मीटर क्षमता वाले विशाल ब्लास्ट फर्नेस स्थापित किये जाने की बात है। स्टील मेल्टिंग शॉप में 165 टन के दो और नए कन्वर्टर्स लगाए जायेंगे। नया ऑक्सीजन प्लांट पर काम हो रहा है।

संभवत: अगले वित्तीय वर्ष की शुरुआत में बीएसएल संयंत्र के अंदर विस्तारीकरण पर काम शुरू हो जायेगा। बीएसएल में पहले से ही पांच ब्लास्ट फर्नेस मौजूद हैं। इसमें से चार भट्टियों की क्षमता 2000 घन मीटर है जबकि ब्लास्ट फर्नेस नंबर 2 की क्षमता 2500 घन मीटर है। सूत्रों ने बताया कि विस्तार परियोजना के तहत आने वाली ब्लास्ट फर्नेस 6 की क्षमता सर्वाधिक 4500 क्यूबिक मीटर होगी।

फंडिंग आंतरिक संसाधनों और बाजार दोनों से
विस्तार योजना में शामिल समय सीमा और निवेश राशि पर, सेल चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश ने कहा कि कंपनी सक्रिय रूप से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पर काम कर रही है। इसके लिए सेल अपने स्वयं के फंड का उपयोग करेगा साथ ही बाजार से समर्थन भी मांगेगा। फंडिंग आंतरिक संसाधनों और बाजार दोनों का मिश्रण होगी।

बता दें, इस्पात मंत्रालय के तहत स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के पास देश के विभिन्न स्थानों पर पांच एकीकृत और तीन विशेष इस्पात संयंत्र हैं।

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