Bokaro: स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) ने अपनी इकाइयों के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन प्रबंधन के लिए चेन्नई स्थित राम चरण कंपनी के साथ समझौता किया है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत भिलाई, दुर्गापुर और बर्नपुर के संयंत्रों से रामचरण का अलग-अलग एमओयू (MOU) हो चूका है।
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बोकारो स्टील प्लांट (BSL) के साथ बुधवार को एमओयू (MOU) पर हस्ताक्षर होगा। इसके बाद राउरकेला इकाई के साथ एमओयू होगा। बुधवार को रामचरण की टीम बोकारो आएगी, जिसको लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है।
बताया जा रहा है कि यह सेल का अगले तीन वर्षों में सबसे बड़ा डीकार्बोनाइजेशन (decarbonisation) कार्यक्रम होगा। जिसमे बोकारो स्टील प्लांट सहित अन्य इकाइयों में भारी निवेश होगा। राम चरण कंपनी की अत्याधुनिक तकनीक से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को मूल्यवर्धित उत्पादों और ईंधन में बदला जा सकेगा। इसका ट्रायल भिलाई स्टील प्लांट में हो चूका है।
सेल ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के पूर्ण प्रबंधन के लिए यह गठजोड़ (tie-up) किया है, जिसमें बिना कोई अवशेष छोड़े इस्पात संयंत्रों के लिए मूल्यवर्धित उत्पादों (value-added products) और (fuel) ईंधन में परिवर्तित करना शामिल है।
सेल के एक वरीय अधिकारी ने कहा कि जबकि अन्य सभी इकाइयों के लिए डील हो चुका है, राउरकेला पाइपलाइन में है। इससे SAIL के कार्बन-तटस्थ लक्ष्यों (carbon-neutral goals) को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
सेल CO2 उत्सर्जन को काफी हद तक कम करने के लिए अग्रसर है। सेल 2030 तक नवीकरणीय, गैर-पारंपरिक ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने के साथ-साथ 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन हासिल करने के लिए कदम उठा रहा है।