Bokaro: बोकारो स्टील प्लांट (BSL) सहित पूरे सेल (SAIL) में 2022 में जूनियर अधिकारी (JO) पद के लिए परीक्षा के दौरान गड़बड़ी उजागर होने के बाद, अब प्रबंधन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। सेल प्रबंधन ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) के 14 कर्मचारियों को चार्जशीट जारी कर जांच शुरू कर दी है।
बताया जा रहा है कि चार्जशीट थमाए गए कर्मियों में बीएसएल प्लांट के अंदर और बाहर दोनों के विभागों के है। चार्जशीट थमाए जाने के बाद बीएसएल कर्मियों में हड़कंप है। कई और कर्मी राडार में है। जिन्हे प्रबंधन चिन्हित कर रखा हुआ है।
बीएसएल प्रबंधन इस प्रकरण में पुरे गहराई से जाँच कर रहा है। सेल-बीएसएल के उच्च अधिकारियो का मानना है कि जो भी कर्मचारी गड़बड़ी में संलिप्त होगा उसे बक्शा नहीं जायेगा। कार्रवाई इतनी कड़ी होगी की अगली बार से इस तरह के होने वाली प्रमोशन परीक्षाओ में कोई गड़बड़ी करने की बात सपने में नहीं सोचें।
बता दें, बीएसएल सहित सेल में कार्यरत सक्षम व योग्य गैर-अधिकारी कर्मियों के अधिकारी पद पर प्रोन्नत के लिये 06 नवंबर को बोकारो सहित देश भर में 14 केंद्रों पर लिखित परीक्षा हुई थी। लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार के लिए सूची तैयार कर ली गयी थी। इसी बीच सेल को कुछ गड़बड़ी की जानकारी मिली, जिसके बाद इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया।
सेल के वरिष्ठ कार्मिक प्रबंधक प्रवीण सिंह की ओर से 24 दिसंबर 2022 को जारी निर्देश में कहा गया है कि दिनांक 06.11.2022 को आयोजित लिखित परीक्षा के आधार पर तैयार साक्षात्कार के लिए लघु सूचीबद्ध उम्मीदवारों की सूची दिनांक 19.12.2022 को अधिसूचित की गयी थी। परिणाम के मूल्यांकन और तैयारी में कुछ विसंगतियां बाद में सेल के संज्ञान में आयी हैं। उसी का संज्ञान लेते हुए 06.11.2022 को सभी 14 परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित लिखित परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है. अब पुनः परीक्षा होगी।
बीएसएल में कर्मचारी से अधिकारी बनने के लिए परीक्षा 06 नवंबर को जीजीइएसटीसी (GGESTC Engineering College) कांड्रा चास में हुई थी। बीएसएल में जूनियर अफसर परीक्षा के लिए 816 कर्मचारियों ने आवेदन किया था। इसमें से 752 परीक्षा में शामिल हुए थे। इनमें से अंतिम रूप से लगभग सौ कर्मियों को ही अधिकारी बनने का मौका मिलना था। परीक्षा में बीएसएल के अधिनस्थ माइंस, कोलियरी व एसआरयू सहित सीएमओ के कर्मी भी शामिल हुए थे। चार साल बाद कर्मी से अधिकारी बनने के लिए परीक्षा हुई थी।