Bokaro: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवानों द्वारा 21 सितंबर को बोकारो संयंत्र (BSL) के स्टील गेट पर स्क्रैप लदे ट्रको को संदेह के आधार पर पकड़ना सार्थक हुआ। घटना के 11 दिन बाद शनिवार को रहस्य से पर्दा उठा। CISF जवानों की सजगता और सूझबूझ से बीएसएल की लाखो की सम्पति चोरी होने से बच गई।
बीएसएल और सीआईएसएफ की संयुक्त समिति ने जाँच में यह पाया है की उन पकड़े गए दो ट्रको में प्लांट की कीमती चीजे है। जिसे बिना ऑक्शन के स्क्रैप में छुपा कर बाहर ले जाया जा रहा था। इस घटना से पूरा BSL प्रबंधन हिला हुआ है। स्क्रैप लोड कर ले जाने वाले उक्त प्राइवेट कंपनी के अलावा इस घटना में संलिप्त कर्मचारियों को भी चिन्हित किया जा रहा है।
साथ ही उन टपाये जा रहे सामानों की कीमत का आकलन किया जा रहा है। बीएसएल की समिति ने उक्त मामले में अपनी रिपोर्ट शनिवार को सौंप दी है। उसके आधार पर संभवत रविवार या सोमवार को माराफारी थाने में FIR लॉज करा दिया जायेगा। दोनों ट्रक अभी बीएसएल संयंत्र में ही है, जिसे थाने में दें दिया जायेगा।
बताया जा रहा है कि सीआईएसएफ के डीआइजी सौगत राय स्वयं मामले पर पूरी नजर जमाए हुए हैं, इसलिए बात रफा-दफा नहीं हो पाई। यही नहीं बीएसएल के डायरेक्टर इंचार्ज अमरेंदु प्रकाश भी इस मामले में सख्त दिखे। बता दें कि बीएसएल प्लांट के अंदर रेलवे के एक पुराने बड़े क्रेन के स्क्रैप का ऑक्शन प्रबंधन ने किया था। जिसे प्राइवेट कंपनी ने ऑक्शन में हासिल किया। बीते 21 सितम्बर को उस कंपनी के पांच ट्रक स्क्रैप उठाने प्लांट के अंदर गए।
उनमे तीन ट्रक स्क्रैप लाद कर प्लांट से बाहर निकलने के लिए स्टील गेट पहुंचे बाकि दो ट्रको में लोडिंग नहीं पाई थी। गेट पर तैनात सीआईएसएफ के जवानों ने उन तीन स्क्रैप लदे ट्रको कि जाँच की। उनमे से एक ट्रक में सब सही पाया गया। पर दूसरे दोनों ट्रको में स्क्रैप के अलावा अन्य कीमती सामान पाया गया।
एक ट्रक में स्क्रैप के साथ एक बहुत बड़ा मोटर रखा हुआ था। दूसरे वाले ट्रक में कॉपर की कीमती चीजे स्क्रैप के बीच छुपा कर रखी हुई थी। CISF जवानों ने डॉक्यूमेंट से मिलान किया तो पाया की इन कीमती सामानो का कही जिक्र नहीं है। और दोनों ट्रको को संदेह के आधार पर गेट पर ही CCTV के निगरानी में खड़ा कर लिया गया।
यह ममला तुरंत सीआईएसएफ डीआईजी तक पंहुचा। डीआईजी ने बीएसएल के शीर्ष अधिकारियों को इसकी सुचना देते हुए उन सामानों के विषय में रिपोर्ट मांगी। जिसके बाद संयुक्त समिति का गठन हुआ। समिति के सदस्यों ने गुरुवार को दोनों ट्रको से माल को अनलोड कर जाँच की।
बताया जा रहा है की उन दोनों ट्रको में से एक में सैकड़ो टन का मोटर मिला है। दूसरे ट्रक में भी संदिग्ध सामग्री मिली है जिसे बीएसएल के जाँच अधिकारियों ने ‘unidentified’ बताया है। यह मोटर और सामग्रियां ऑक्शन हुए स्क्रैप के लिस्ट में नहीं थे। CISF के एक आला अधिकारी के अनुसार “3 आइटम स्पष्ट रूप से निकाले जा रहे स्क्रैप का हिस्सा नहीं थे। सब भारी सामान हैं। लागत निर्धारण समिति द्वारा अभी तक लागत का निर्धारण नहीं किया गया है। हमलोग प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया में है। आवश्यक निर्देश दिया जा चूका है”।