Bokaro: बोकारो के चंद्रपुरा क्षेत्र से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया जिसमें चंद्रपुरा थर्मल पावर स्टेशन के पास कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने दो सामुदायिक कुत्तों के पैरों को बांधकर उन्हें बोरों में ठूंस दिया और मारने की कोशिश की। इस वीडियो के वायरल होते ही घटना की जानकारी पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया को दी गई। जिसके बाद PETA ने सक्रियता से कदम उठाया। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
पहली बार बोकारो में कुत्तों पर क्रूरता के मामले में प्राथमिकी दर्ज
बोकारो जिले में पहली बार पशु क्रूरता के मामले में तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह मामला पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) और शंभू सद्भावना फाउंडेशन की सचिव अधिवक्ता प्रीति प्रसाद की शिकायत पर दर्ज हुआ है। चंद्रपुरा पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 325 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11 के तहत FIR दर्ज की।
चंद्रपुरा थाने की तत्परता से कार्रवाई
प्रीति प्रसाद ने इस मामले में पुलिस की तत्परता और चंद्रपुरा थाना प्रभारी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि चंद्रपुरा डीवीसी कॉलोनी के पास से एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दिखा कि आरोपियों ने तीन-चार कुत्तों को बेरहमी से पीटा और उनके मुंह और पैरों को रस्सी से बांधकर बोरों में बंद कर दिया। इसके बाद कुत्तों के साथ दोबारा अत्याचार किया गया। पेटा इंडिया की क्रुएल्टी रिस्पांस कोऑर्डिनेटर सलोनी सकारिया ने कहा कि जो लोग जानवरों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, वे अक्सर इंसानों को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
वायरल वीडियो से सामने आई निर्दयता
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि आरोपियों ने डीवीसी कॉलोनी के एमसी बिल्डिंग के पास कुत्तों के साथ क्रूरता की। इस घटना को देखने के बाद कई पशु प्रेमी और संगठन जागरूक हुए और उन्होंने इस प्रकार की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की मांग की। पेटा इंडिया और शंभू सद्भावना फाउंडेशन ने इस घटना को पशु अधिकारों का हनन मानते हुए पुलिस से त्वरित कार्रवाई की अपील की थी।C lick to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
पशु अधिकारों के प्रति लोगों में बढ़ती जागरूकता
अधिवक्ता प्रीति प्रसाद ने कहा कि बोकारो जिले में पशुओं के प्रति इस तरह की क्रूरता का यह पहला मामला है, जो प्राथमिकी तक पहुंचा। यह घटना पशु अधिकारों के प्रति लोगों में बढ़ती जागरूकता को भी दर्शाती है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि ऐसे मामलों में दोषियों को सख्त सजा दी जाए ताकि भविष्य में पशुओं के प्रति होने वाली हिंसा को रोका जा सके।
पशु दुर्व्यवहार पर कड़ा संदेश, आवश्यक परामर्श की सिफारिश
पेटा इंडिया ने सिफारिश की है कि ऐसे मामलों में आरोपियों का मानसिक स्वास्थ्य मूल्यांकन और परामर्श कराया जाए, ताकि गहरी मनोवैज्ञानिक समस्याओं का पता चल सके। शोध से यह सामने आया है कि पशु हिंसा करने वाले अन्य अपराधों की ओर प्रवृत्त होते हैं, जिसमें मानवों पर हमले भी शामिल हैं। एक अध्ययन में कहा गया है कि ऐसे लोग हत्या, बलात्कार, और उत्पीड़न जैसे गंभीर अपराधों की तीन गुना अधिक संभावना रखते हैं। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
सामुदायिक कुत्तों की सुरक्षा और नसबंदी का महत्व
पेटा इंडिया ने सामुदायिक कुत्तों की नसबंदी को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि एक मादा कुत्ते की नसबंदी छह वर्षों में 67,000 अनचाहे जन्मों को रोक सकती है। सामुदायिक कुत्तों के प्रति क्रूरता से बचने के लिए लोगों को जागरूक करना और आवश्यक कदम उठाना आज बेहद जरूरी है।
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