Bokaro: संत ज़ेवियर विद्यालय में सोमवार को ‘नैतिकता एवं अखंडता’ विषय पर रत्ना सागर प्रकाशन के द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन विद्यालय के प्राचार्य महोदय फादर अरुण मिंज , एस. जे. के द्वारा किया गया।
इस कार्यशाला की रिसोर्स पर्सन श्रीमती गार्गी पाल के द्वारा अपने अनुभव एवं अनेक प्रकार की गतिविधियों की सहायता से शिक्षकों के समक्ष, शिक्षण में उपयोगी होने वाले तरीकों के बारे में बताया गया । इस कार्यशाला में विद्यालय के शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में शिक्षकों से प्रश्न के उत्तर को पूछ कर साथ-ही विभिन्न प्रकार के नाट्य का अभिनय करवा कर व अन्य गतिविधियों में हिस्सा लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया गया। इसमें शिक्षकों के समूह को पुरस्कृत भी किया गया।
ज्ञातव्य है कि मानव समाज में नैतिकता की भूमिका वांछित या अवांछित का निर्धारण करने में निहित है। नैतिकता एक दार्शनिक अवधारणा है जिसमें सही और गलत अवधारणाओं को व्यवस्थित करना, उनका बचाव करना और अनुशंसा करना शामिल है। नैतिकता अच्छे-बुरे, सही-गलत, गुण-अवगुण और अन्याय की चिंताओं से संबंधित है।
कार्यशाला के अंत में विद्यालय के प्राचार्य महोदय के द्वारा रीसोर्स पर्सन श्रीमती गार्गी पाल को शॉल एवं विद्यालय के मोमेंटो के द्वारा सम्मानित किया गया। अंततः कार्यशाला के सफल समाप्ति हेतु प्राचार्य महोदय ने रीसोर्स पर्सन के कठिन मेहनत एवं शिक्षकों के बढ़- चढ़कर हिस्सा लेने को सराहा एवं भविष्य में इस प्रकार के कार्यशाला से होने वाले अनेकानेक लाभों से अवगत कराया।