Bokaro: बोकारो शहर के सिटी सेंटर स्तिथ विकास रेड लैब में सिटी स्कैन कराने गए सेक्टर-2 निवासी 42 वर्षीय उपेन्द्र कुमार की मौत हो गई है. जिसके बाद गुस्साए परिजन रेडियोलाजिस्ट डॉ विकास को पकड़ कर सेक्टर 4 थाना ले गए और पुलिस के सुपुर्द कर दिया. परिजन आरोप लगा रहे है कि उपेंद्र की मृत्यु डॉक्टर द्वारा गलत दवा पिलाने के कारण हुई है. इस मामले में परिजनों ने तीन डॉक्टरों पर आरोप लगाया है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) बोकारो के प्रेजिडेंट डॉ रणधीर सिंह सहित अन्य सदस्य डॉ निरंजन, डॉ एल के ठाकुर और अन्य डॉक्टर थाने पहुंचकर परिजनों द्वारा लगाए जा रहे आरोप को निराधार बताया है. डॉक्टरों ने पुलिस के आला अधिकारियों से बात भी की है. वहीं परिवारवालों के साथ नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के धर्मवीर सिंह, रणधीर और अन्य लोगो ने भी एसपी से मिलकर पूरी घटना की जानकारी देते हुए न्याय की गुहार लगाई है.
एसपी, बोकारो, चन्दन कुमार झा ने कहा कि इस मामले में सेक्टर 4 थाना में शिकायत दर्ज़ की गई है. अनुसन्धान किया जा रहा है. जाँच में जो बातें सामने आएंगी उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. Video news:
मृतक जिला कांग्रेस प्रवक्ता जितेन्द्र यादव के छोटे भाई है. सेक्टर-4 थाना में कांग्रेस और अन्य राजनीति पार्टयों के लोगो का जमावड़ा शाम तक लगा रहा. डॉक्टर के लापरवाही से हुई मौत का आरोप लगाते हुए परिजन उनपर FIR दर्ज़ करने की मांग कर रहे थे. शव का पोस्ट मोर्टेम नहीं हो पाया. मृतक का परिवार सदमे में है. उपेंद्र चंदनक्यारी में रोजगार सेवक था.
जितेंद्र ने पुलिस को लिखित शिकायत कर यह बताया है कि – उपेन्द्र पेट से संबंधित रोग का ईलाज डा ० एस चक्रवर्ती से करा रहा था. उसी क्रम में 13.06.2022 को डा ० एस.चक्रवर्ती द्वारा उपेंद्र को बताया कि उनका लिवर फैटी हो गया है और सीटी स्कैन विकास रेड लैब से करवाने को कहा। आज गुरुवार को उपेंद्र अपनी पत्नी के साथ विकास रेड लैब, सिटी सेंटर सेक्टर 4 पंहुचा.
जितेंद्र ने आरोप लगाया कि “सीटी स्कैन करने से पूर्व डा०विकास ने मेरे भाई को एक दवा पिलायी. जब मेरे भाई के पत्नी ने पुछा आप क्यो पिला रहे है तो डा०विकास ने कहा कि यह जरूरी है. उक्त दवा को पीने के बाद ही मेरे भाई के मुँह से झाग निकलने लगा तथा शीघ्र मृत्यु हो गयी. उसके पश्चात डा०विकास द्वारा किये गये बेहद अमानवीय एवं गैर कानुनी करतुत को छुपाने के लिये बी.जी.एच. के जगह रानी हॉस्पीटल-रॉनी क्लिनिक, कॉपरेटिव कॉलोनी शव को जाँच हेतु भेज दिया”.
जितेंद्र ने कहा कि “जब मै रानी हॉसपीटल पहुॅचा तो देखा कि मेरे भाई का शव हॉस्पीटल के सामने सड़क पर रख दिया गया था. डा ० एस.आर.चकवर्ती के द्वारा मिली भगत से एवं नाजायज तरीके से पैसे की उगाही के लिये विकास रेड लैब में सीटी स्कैन-अन्य जॉच के बहाने से मेरे भाई को भेजा गया. जहाँ गलत दवा पिलाने से मेरे भाई की मृत्यु हो गयी तथा मेरे भाई की लाश को छुपाने की नियत से रेड लैब द्वारा रानी हॉस्पीटल-रॉनी क्लिनिक कॉपरेटिव कॉलोनी भेज दिया ताकि परिवार जनो को पता नही चले कि मेरे भाई का गलत ईलाज के चलते मृत्यु हो गयी.”
जितेंद्र ने पुलिस को दिए आवेदन में लिखा है कि डा० एस.आर. चक्रवर्ती एवं विकास रेड लैब के डा० विकास कुमार एवं उसके पार्टनर डा० रवि शेखर, एवं रॉनी हॉसपीटल के डायरेक्टर, प्रापेराईटर के द्वारा किये गये बेहद अमानवीय गैर जिम्मेदाराना हरकत से हुये मेरे भाई की मृत्यु हुई. इन लोगो के विरूद्ध कानुनी कार्यवाही करने की कृपा करे.
आईएमए प्रेजिडेंट डॉक्टर रणधीर सिंह ने डॉ विकास, डॉ रवि और गेस्टरोलॉजिस्ट डॉ चक्रवर्ती पर लगाए आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि कोई भी डॉक्टर किसी भी हालत में किसी भी मरीज के जान से खेलवाड़ नहीं करता है. इस मामले में कोई लापरवाही नहीं हुई है. हमारा एसोसिएशन इस मामले कि निष्पक्ष जाँच कि मांग करता है. डॉक्टरों के प्रति ऐसी दुर्भावना रखना गलत है. डॉ चक्रवर्ती या अन्य डॉक्टर कई जगह सिटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड करवाने मरीजों को भेजते है इसका मतलब यह नहीं की उनकी कोई मिली भगत हो .