Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

बोकारो में फ्लोटिंग सोलर पार्क बनाने के लिए इन जलाशयों का हुआ सर्वे


Bokaro: ज़िले में फ्लोटिंग सोलर फार्म यानी तैरता हुआ सोलर पावर प्लांट स्थापित करने की पहल की जा रही है। बोकारो स्टील प्लांट (BSL) अपने दो विशाल जलाशयों में सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने की प्रक्रिया में काम कर रहा है। इससे बनने वाली बिजली का इस्तेमाल स्टील प्लांट और टाउनशिप में किया जाएगा। बीएसएल ने फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए बालीडीह स्थित गरगा डैम और संयंत्र के अंदर कूलिंग पॉन्ड-1 को चिन्हित किया है।

झारखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (JREDA) और ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) के साथ समन्वय कर बीएसएल इस परियोजना पर काम कर रहा है। हाल ही में, बीएसएल, JREDA और बीईई के अधिकारियों ने बोकारो में तैरता सौर ऊर्जा संयंत्र परियोजना शुरू करने पर चर्चा की थी।

बीएसएल के प्रभारी निदेशक अमरेंदु प्रकाश ने कहा, “भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के बजाय हम जल निकायों में पावर प्लांट स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं। हमने स्पॉट की पहचान कर ली है।”

JREDA पहले कूलिंग पॉन्ड-1 का विस्तृत सर्वेक्षण कर चुका है और गरगा डैम का आकलन कर चुका है। बीएसएल सूत्रों के अनुसार JREDA फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की स्थापना से संबंधित फिजिबिलिटी रिपोर्ट और तकनीकी विनिर्देश तैयार करेगा, जिसे बाद में बीएसएल प्रबंधन टेंडर करेगा।

कूलिंग पॉन्ड-1 का क्षेत्रफल 3.2 वर्ग किलोमीटर है जबकि गरगा डैम लगभग 4 वर्ग किलोमीटर में फैला है। कूलिंग पोंड-1 के प्रारंभिक सर्वेक्षण से पता चलता है कि वहां लगभग 50 मेगावाट उत्पादन क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र आसानी से स्थापित किया जा सकता है। हालांकि JREDA द्वारा बीएसएल को अपने निष्कर्ष प्रस्तुत करने के बाद ही इस बात को अंतिम रूप दिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि बीएसएल को वर्तमान में बोकारो पावर सप्लाई कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (बीपीएससीएल) और दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (डीवीसी) से बिजली मिलती है। 332 मेगावाट का बीपीएससीएल पावर प्लांट अपनी पूरी बिजली बीएसएल को सप्लाई करता है।


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