Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

Bokaro: सेक्टर 12 में कब बस गई अस्थाई कॉलोनी, BSL प्रबंधन को नहीं चला पता, वैध या अवैध ?


बोकारो स्टील सिटी के सेक्टर 12-D में रणविजय कॉलेज के बाउंड्री के पीछे, बीएसएल की भूमि पर करीब 3 एकड़ में नई अस्थाई ‘स्मार्ट’ कॉलोनी उभर आई है। खास बात यह है कि यह इलाका निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज की सीमा से बाहर है और बीते 30 दिनों में यहां आधुनिक तरीके से टिन की छतों से सजी-धजी एक नई अस्थाई बस्ती तैयार कर दी गई है। यह बड़ा सवाल बना हुआ है कि क्या यह भूमि किसी लाइसेंस, किराये या लीज़ पर दी गई है, या फिर यह अवैध अतिक्रमण है ? Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1xपेड़ कटे, ज़मीन समतल हुई, ड्रेनेज भरे – पर BSL को ‘पता ही नहीं’

इतने बड़े क्षेत्र को समतल करना, दर्जनों पेड़ काटना और ड्रेनेज भरना यह सब कुछ बीएसएल अधिकारियों के नाक के नीचे हुआ और प्रबंधन को ‘पता भी नहीं चला’। लोगो के बीच अब ये सवाल उठ रहा है कि क्या यह अतिक्रमण है या फिर बीएसएल प्रबंधन ने अलॉट किया है ?

देखने में ‘अच्छी’ कॉलोनी तो अतिक्रमण नहीं !
स्थानीय लोगों का कहना है कि चूंकि यह कॉलोनी टिन की चादरों से बनी है और दूर से ‘अच्छी’ दिखती है, इसलिए शायद बीएसएल इसे अतिक्रमण नहीं मान रहा हैं। अगर यही झोपड़ियां होतीं या खटाल होता, तो अब तक इसे अतिक्रमण घोषित कर दिया जाता। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x BSL का अनोखा ‘दानवीरता’ मॉडल
बीएसएल नगर प्रशासन के नीति के अनुसार, टाउनशिप में खाली मैदान में अगर कोई मेला या सम्मलेन आदि का आयोजन करना हो, तो 10 रुपये स्क्वायर मीटर प्रतिदिन का किराया देना होगा। इसी तरह, मजदूर मैदान में मेला लगाने के लिए प्रतिदिन 10,000 रुपये देने होते हैं। तिब्बत मेला और अन्य आयोजकों से भी बीएसएल अच्छा राजस्व वसूलता है। लेकिन, सेक्टर 12 डी के ‘विशेष’ अस्थाई कॉलोनी से बीएसएल को कितना किराया मिल रहा है, यह सवाल का जवाब बीएसएल प्रबंधन इसलिए नहीं दे पा रहा हैं, क्योंकि किसी को पता ही नहीं कि यह किसके परमिशन से स्थापित हुई है। अब अधिकारी विजिलेंस से डरे हुए है। बीएसएल की नीति के अनुसार, नगर प्रशासन विभाग को इस अस्थायी कॉलोनी से लाखों का राजस्व मिलना चाहिए था। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

कौन जिम्मेदार ? ‘कोई नहीं जानता’
इस अस्थाई कॉलोनी को लेकर अब तक कोई अधिकारी स्पष्ट जवाब नहीं दे रहा। स्थानीय लोग इस मामले में अचंभित हैं कि आखिर बीएसएल प्रबंधन के आला अधिकारी कौन-सी नींद में थे कि इतने बड़े पैमाने पर मॉडर्न बस्ती बस गई और उन्हें भनक तक नहीं लगी। बीएसएल प्रवक्ता मणिकांत धान ने कहा की प्रबंधन इस मामले को देख रहा है। अतिक्रमण की ‘परिभाषा’ बदलती रहती है
बोकारो स्टील टाउनशिप में अतिक्रमण हटाने के मामले में अलग-अलग मानक अपनाए जाते हैं। अगर कोई बीएसएल कर्मी या वैध तरीके से रहनेवाले अपने आवास के सामने गैराज बना ले, तो वह ‘अवैध’ हो जाता है और तत्काल तोड़ दिया जाता है। लेकिन अगर कोई गुमटी लगाता है, तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

कौन-सा अतिक्रमण हटाना जरूरी है, यह ‘सेलेक्टिव’ निर्णय !
बोकारो एयरपोर्ट से उड़ान भरने में बाधा बन रहे सेक्टर 12 मोड़ के बूचड़खाने को अब तक हटाया नहीं गया, लेकिन उकरीद मोड़ का अतिक्रमण हटाना बीएसएल अधिकारियों के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता बन गई है। बीते महीने, सिटी सेंटर के पाली प्लाजा मोड़ पर चार-चार जीएम की ‘विशेष टीम’ ने अतिक्रमण हटाने का हाई-प्रोफाइल अभियान चलाया, लेकिन एक हफ्ते बाद वही दुकानें फिर से लग गईं।

बीएसएल का ‘अतिक्रमण हटाओ – पुनर्स्थापित करो’ मॉडल !
बीते डेढ़ वर्षों में बीएसएल अधिकारियों ने जहां-जहां अतिक्रमण हटाया, उनमे से अधिकतर जगहों पर कुछ ही दिनों बाद वही दुकानें, गुमटियां, ढांचे और ठेले फिर से वापस लग गए। बीएसएल जहां एक तरफ समय और रुपया खर्च कर JCB चलाता हैं और दूसरी तरफ वही अतिक्रमण वापस खड़ा हो जाता है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

 

 

#Bokaro, #BSL, #Encroachment, #IllegalSettlement, #ModernColony, #RanvijayCollege, #LandDispute, #BSLManagement, #SelectiveAction, #SmartEncroachment, #LandGrab, #UnauthorizedConstruction, #BokaroSteelCity, #Corruption, #IgnoredEncroachment, #DoubleStandards, #BSLRevenueLoss, #TownshipIssues, #EncroachmentPolitics, #BSLAdministration, #PublicConcern


Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!