Bokaro: शिकायत दर्ज होने के चार घंटे के भीतर ही पुलिस ने 22 वर्षीय डांस टीचर के अपहरण का मामला सुलझा लिया है। पुलिस ने अपहृत युवक को छुड़ाने के साथ-साथ अपराध में शामिल चार आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। अपहृत युवक की मोटरसाइकिल भी बरामद कर ली गई है, जिसके पार्ट-पुर्जे आरोपियों ने अलग-अलग कर रखे थे।
बेरमो के एसडीपीओ सतीश चंद्र झा के नेतृत्व में एक टीम ने अपरहित युवक धर्मेंद्र कुमार को तेनुघाट के भारत माता मंदिर से कुछ सौ मीटर दूर एक झोपड़ी से छुड़ाया है। आरोपियों ने उसे एक बोरी में बंद कर रखा था। बोरे में बंद रहने की वजह से धर्मेंद्र बेहोश पाए गए। उन्हें तुरंत अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया।
एसडीपीओ ने कहा, “अपहृत को बचाने में अगर एक घंटे की भी देरी हो जाती तो कुछ भी अनर्थ हो सकता था।” धर्मेंद्र को बोरे में डालकर हाथ-पैर बांधकर मुंह में सेलोटैप लगा दिया गया था। जिससे उसे ऑक्सीजन की कमी हो गई थी। अस्पताल में ऑक्सीजन चढ़ाने के बाद उसे होश आया। वह चल भी नहीं पा रहा था”।
एसडीपीओ के अनुसार, “इस घटना में अपहृत के चचेरे भाई सहित चार लोग शामिल थे। आरोपियों का इरादा धर्मेंद्र के पिता, जयलाल करमाली से मोती फिरौती वसूलना था। करमाली हाल ही में सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड (सीसीएल) से सेवानिवृत्त हुए है। अपहृत के चचेरे भाई सूरज कुमार ने कार्तिक राम, संजय मरांडी और विक्की कुमार के साथ मिलकर अपहरण की साजिश रची और वारदात को अंजाम दिया”।
कार्तिक का आपराधिक इतिहास रहा है। उसपर पहले भी हत्या का आरोप है। अपहृत युवक को आरोपियों ने कार्तिक के झोपड़ी के घर में रखा था। धर्मेंद्र के मोटरसाइकिल को ठिकाने लगाने के लिए आरोपियों ने उसके पार्ट-पुर्जे अलग कर दिए, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है। एसडीपीओ सतीश चंद्र झा ने बुधवार शाम मीडियाकर्मियों को बताया, “घटना मंगलवार सुबह 11 बजे की है, जब धर्मेंद्र हमेशा की तरह गोमिया में डांस सीखने जा रहे थे।”
अपहृत धर्मेंद्र तेनुघाट के छप्परगड़ा का रहने वाले हैं। वह गाड़ी चलकर जैसे भारत माता मंदिर पंहुचा तभी सूरज बहाने से उसे रोका और फिर आरोपी उसे कार्तिक के घर ले गए। एसडीपीओ ने बताया कि, “घटना करीब दोपहर 2.30 बजे सामने आई। जब अपहृत के पिता को एक फोन आया जिसमें बताया गया कि उनके बेटे का अपहरण कर लिया गया है और उनसे फिरौती देने को तैयार रहने को कहा गया।”
अपहृत के पिता जय लाल करमाली उस समय बैंक में थे। उन्होंने पहले सोचा की कोई मजाक कर रहा है और ध्यान नहीं दिया। पर बैंक से निकलने के बाद जब उन्होंने धर्मेंद्र के मोबाइल पर फोन किया तो पाया कि वह बंद है। उसे बाद उनकी चिंता बढ़ी। उन्होंने तुरंत तेनुघाट पुलिस आउटपोस्ट में जाकर शिकायत दर्ज की।
एसडीपीओ ने कहा, ‘जैसे ही पता चला पुलिस तुरंत कार्रवाई में जुट गई। इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस कर कार्तिक के घर पहुंची और अपहृत को छुड़ाया। सभी आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।”