Bokaro: बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) के विस्थापितों के एक गुट ने एकमुश्त बहाली की मांग करते हुए बीएसएल प्रबंधन को अल्टीमेटम दिया है. विस्थापितों ने प्रशासनिक भवन पर मंगलवार को प्रदर्शन करते हुए एक हफ्ते के भीतर 20 हजार विस्थापितों की बहाली शुरू करने की मांग की है.
उनकी मांगों को नहीं मानने पर विस्थापित, बीएसएल अधिकारियों को घर से निकलना मुश्किल कर देने की बात कही है. यह अल्टीमेटम विस्थापित संघर्ष मोर्चा और झारखंड नवनिर्माण सेना के प्रमुख गुलाब चंद ने दी है. वह आज सैकड़ों विस्थापितो के साथ ‘विस्थापित लोंग मार्च’ करते हुए शाम को बोकारो स्टील के प्रशासनिक भवन पहुंचे थे।
इस मार्च को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। मौके पर पहुंच विस्थापितों ने प्रशासनिक भवन के समक्ष जाना चाहा। लेकिन बीएसएल के सुरक्षाकर्मियों और जिला पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान विस्थापितों ने जमकर बीएसएल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की और बोकारो स्टील प्रबंधन को चेतावनी दी है।
विस्थापित नेता गुलाब चंद्र ने कहा कि आज हम अपना मांग पत्र बोकारो स्टील के डायरेक्टर इंचार्ज को देने आए है। हमारी मांग है एकमुश्त 20,000 विस्थापित बेरोजगार महिला-पुरुष की बहाली शुरू की जाए. विस्थापितों की जो उम्र सीमा 28 वर्ष की गई है बीएसएल प्रबंधन उसे 45 वर्ष करने का काम करें. क्योंकि गैर विस्थापितों की उम्र सीमा में छूट दी गई है और विस्थापितों की उम्र सीमा घटा दी गई है. ऐसे में विस्थापितों का हक मारा जा रहा है.
गुलाब चंद्र ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर एक हफ्ते के भीतर 20000 विस्थापितों की एकमुश्त बहाली शुरू नहीं की गई तो बोकारो स्टील के अधिकारी ना तो प्लांट से घर जा सकेंगे और न घर से निकलकर प्लांट जा सकेंगे।