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जिले के IAS-IPS अधिकारियों ने चिन्मय विद्यालय के बच्चों को बताया कामयाबी दिलाने वाला सफलता का मूल मंत्र


Bokaro: उपायुक्त कुलदीप चौधरी सहित जिला प्रसाशन के चार अधिकारियों ने चिन्मय विद्यालय, बोकारो के सेमिनार हॉल में छात्रों को सम्बोधित किया। उपायुक्त के साथ पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार झा, डीडीसी कीर्ति श्री और दिलीप सिंह शेखावत, अनुमंडल पदाधिकारी (चास) ने कार्यक्रम में भाग लिया।छात्रों को इन आईआईएस और आईपीएस के शैक्षणिक सह करियर उपलब्धि को अवगत कराया गया। अधिकारियों ने अपनी शैक्षणिक उपलब्धि और वह इस विभाग में क्यों आए, इसकी जानकारी छात्रों को दी। उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने कहा कि सबसे पहले जो समाने है उसमें बेहतर करो। यदि आप 11वीं-12वीं कक्षा में है तो बेहतर से बेहतर करने की कोशिश करो। समय का शत-प्रतिशत सदुपयोग करो।

डीसी ने छात्रों से कहा जैसे-जैसे करियर आगे बढ़ेगा। हर एक मोड़ पर अपने से पूछो कि तुम्हारी अभिरुचि क्या है। अपनी अभिरुचि जान लेने पर अपना लक्ष्य निर्धारित करो और पूछो अपने-आप से कि क्या उतनी क्षमता है तुममें। एक बार लक्ष्य निर्धारित कर लो तो उस पर डटे रों, अपने जीवन का नियंत्रण अपने अंदर रखो। यदि सफल नहीं हो रहे तो लक्ष्य बदलों मत ! कारण जानों! डसे खोजो, उसे दूर करो, और मेहनत करों, हमेशा सकारात्मक सोचो।

जिला आरक्षी अधीक्षक चंदन कुमार झा ने छात्रों के करियर संबंधी आशंका को दूर करते हुए कहा कि जो समाने है उसकी तैयारी करें। सभी विषयों पर समान मेहनत करें। याद रखों नम्बर यह नहीं कहता कि यह छात्र इस विषय में अच्छा नहीं था। अमुक विषय के कारण इसको सफलता मिली है। अभिरुचि को पहचानियें, यह पता करिये कि आपको किस क्षेत्र में जाना चाहिए। हम सभी यहाँ इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से है लेकिन मन को लगा कि हम सभी कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए नहीं हैं, केवल भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए बने है, अभिरुचि ने अनुसार लक्ष्य निर्धारित कर कठिन परिश्रम किया। घर-परिवार सगे संबंधी सबका दबाव था कि आईआईटी व आईआईएम इसके बाद अच्छा वेतन वाला कारपेरेट की नौकरी हो, लेकिन सभी का सम्मान रखते हुए। अपने मन को सुना, मेहनत किया और सफलता मिली।

जिला उपविकास आयुक्त कीर्तिश्री ने कहा लक्ष्य निर्धारण से पहले तीन आयाम पर ध्यान दें – अपनी क्षमता, अवसर एवं परिवार का सहयोग साथ ही इन चार तथ्यों पर काम करें – संतुलित एवं स्वस्थ व्यक्तिगत जीवन, सामाजिक संबंध, क्या आपके जिससे सम्बन्ध है वे सहयोग करने वाले है, अभिप्ररेक है या मार्ग से विचलित करने वाले हैं। कार्यशैली, कितना आप जानते हैं तथा समाज में आप क्या योगदान कर रहे हैं।

दिलीप सिंह शेखावत, अनुमंडल पदाधिकारी (चास) ने कहा कि – असफलता भी प्ररेणा बनती है। बार-बार आप असफल हो रहे, इससे घबराईये मत, संघर्ष से हटिये मत, केवल कारण खोजिए, उसे दूर कीजिए और अधिक मेहनत कीजिए तब तक ही सफलता नहीं मिलती, जीवन में एक साथ सभी तरफ मत बढ़िये। किसी एक लक्ष्य का निर्धारिण कर उस पर डटे रहिये।

कार्यक्रम काफी रोचक रहा बच्चों ने प्रासंगित एवं अप्रासंगिक, सवाल की किया लेकिन चारों महान अधिकारियों ने बड़ी सहजता से एवं रोचकपूर्ण शैली में सभी छात्र-छात्राओं के प्रश्नों का समाधान किया।

कार्यक्रम के अंत में विद्यालय सचिव महेश त्रिपाठी ने अधिकारियों को धन्यवाद दिया और कहा कि बोकारो प्रशासन का यह प्रयास की छात्र-छात्राओं से जुड़कर उनकी समस्याओं से अवगत हो उन्हें अभिप्रेरित करें निश्चय ही समाज में संचरनात्मक बदलाव लायेगा।


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