बोकारो : झामुमो और महागठबंधन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाजपा और केंद्र सरकार पर राज्य में निर्वाचित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने की साजिश का आरोप लगाते हुए जिला कार्यालय के समक्ष शनिवार को धरना दिया। प्रदर्शन कर रहे नेताओ ने कहा कि भाजपा देश की सभी संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है। झामुमो, कांग्रेस और राजद के जिलाध्यक्षो ने पूरी ताक़त से केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
झामुमो के नेताओ ने आरोप लगाया कि ईडी और सीबीआई का डर दिखाकर राज्य के आदिवासी मुख्यमंत्री को बेवजह परेशान किया जा रहा है। झामुमो के नगर अध्यक्ष मंटू यादव सहित अन्य नेताओं ने कहा कि महागठबंधन ने सामंती ताकतों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने की घोषणा की है। जैसे-जैसे सरकार अपने वादों के अनुरूप जनहित के कार्य तेजी से कर रही है, विपक्ष की हताशा बढ़ती जा रही है और गठबंधन सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों, चुनाव आयोग, ईडी और कर विभाग आदि की गतिविधियां तेज हो गई हैं।
नेताओं ने दावा किया कि दिसंबर 2019 में भारी जन समर्थन के साथ गठबंधन सरकार सत्ता में आई है। लेकिन जनता भाजपा सरकार की विफलताओं, भ्रष्टाचार और कुशासन से तंग आ चुकी थी। कांग्रेस जिलाध्यक्ष मंजूर अंसारी ने कहा कि झारखंड के लोगों को हमारी सरकार से बहुत उम्मीदें हैं। कोरोना के भयानक दौर से उबरने के बाद, झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार ने जन भावनाओं के अनुसार तेजी से काम करना शुरू किया। पर भाजपा ने एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाने के बजाय सरकार गिराने का अथक प्रयास किया। इसके लिए केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग और विधायकों को तोड़ने का प्रयास जारी है।
नेताओ ने ने कहा कि अगर हम पिछले छह महीनों में केंद्रीय एजेंसियों की भूमिका को देखें, तो यह स्पष्ट होगा कि उनका एकमात्र उद्देश्य चुनी हुई सरकार को गिराना है, हमारे लोकप्रिय नेता को परेशान करना है। इतना ही नहीं, भाजपा नेताओं ने बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। झामुमो सुप्रीमो दिशोम गुरु शिबू सोरेन, और उनके खिलाफ लोकपाल में एक शिकायत दर्ज की गई थी। आखिर यह क्या दर्शाता है?