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आंदोलन जारी: रेलवे के पास जमीन का मालिकाना हक है तो दिखावे, हम ग्रामीण स्वत: छोड़ देगें… नही तो


Bokaro: बोकारो ग्रामीण रैयत अधिकार मोर्चा के द्वारा धनगरी में चल रहे आंदोलन का 71वां दिन मे निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी पहुचकर ग्रामीणों से वस्तु स्थिति से अवगत हुये।

ग्रामीणों ने कहा कि 1956 में BSL इस्पात कारखाना निर्माण हेतु जमीन अधिग्रहण करने की बात थी, जिसमें से 49 मौजा को अधिसूचना भूमि अधिग्रहण 1894 के तहत जारी किया गया था। इसमें 29 मौजा को पुनर्वासित कर दिया 20 मौजा के जमीन का हाउस ब्लॉक टेकओवर हैंडओवर नहीं हुआ जिसके कारण उसी जमीन पे वे वर्तमान मे निवास कर रहे है।

ग्रामीणों ने कहा कि बैधमारा मौजा के धनघरी गांव भी शामिल है जिसको रेलवे द्वारा अतिक्रमण बता कर 24 सितम्बर 2022 को 16 घरो को तोड़ दिया गया जबकि रैयत ये मांग करते रहे कि हमारी जमीन पर रेलवे बसा न कि हम तो अतिक्रमणकारी कैसे हो गये। “अगर रेलवे के पास जमीन का मालिकाना हक है तो दिखावे, हम ग्रामीण स्वत: छोड़ देगें नही तो अगर जमीन रेलवे को लेना है तो 2013 के तहत अधिसूचना जारी कर प्रदत्त प्रवधानो को लागू करे।”

विधायक अरूप चटर्जी ने कहा इस मुद्दे पर जल्द ही डी.आर.एम से बात कराया जायेगा साथ ही साथ इस पर मुख्यमंत्री से मिलाकर समाधान करने का प्रयास कराया जायेगा। रैयत ने इस समस्या को लेकर पहले भी मुख्यमंत्री, उपायुक्त बोकारो, अनुमंडल पदाधिकारी को कई बार पत्राचार किया लेकिन किन्ही ने भी इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया। रैयत इस ठंड बरी रातो मे तिरपाल लगाकर रहने को विवश है।

इस कार्यक्रम मे जेकेएमयू के डी.सी.गोहाई , मजदूर संगठन समिति के दीपक कुमार, गणेश रजवार मासस के गया राम शर्मा, अमर चक्रवर्ती, भीम रजक,के साथ साथ बोकारो ग्रामीण रैयत अधिकार मोर्चा के कमाल्लुदीन अंसारी, अशोक कुमार राय,विनोद राय, फिरोज अंसारी,प्रेम कुमार, अरबिंद कुमार, संतोष सिंह, मदन किस्कू, महावीर महतो , रितेश मंडल, उत्तम गोस्वामी,रियाज अंसारी, सुरेन्द्र कुमार, शाजिद अंसारी, इस्तियाक अंसारी, हसनैन,मोहन सोरेन, हरिचरण राय आदि उपस्थित रहे।


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