Bokaro: भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव भक्ति भाव से मनाने को लेकर लोगो में काफी उत्साह हैं। पूरे शहर को महावीरी झंडों और पताकाओं से सजाया गया है। जगह जगह रामनवमी वाले गेट भी लगाए गए हैं। जिला प्रसाशन की मजबूत सुरक्षा व्यवस्था के बीच 30 मार्च को शोभायात्रा निकलेगी।
प्रसाशन द्वारा लोगो से अपील की गई है कि वह शांतिपूर्ण ढंग से त्योहार मनाये, किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दे। हर वर्ष के भांति इस वर्ष भी रामनवमी के अवसर पर पूरा शहर छोटे-बड़े सैकड़ों झंडों से पट गया है। विभिन्न अखाड़ों द्वारा लगाए गए अनुमान के अनुसार, बोकारो और चास टाउनशिप में लगभग 60,000 महावीरी झंडे सड़कों, बाजारों और मंदिरों में लगाए गए हैं।
मान्यता यह है कि घर पर महावीरी झंडा लगाने से सुख, समृद्धि आती है और रामभक्त हनुमान उनके सारे कष्टों को हर लेते हैं। रामनवमी के मौके पर घरों में महावीरी झंडा लगाने का भी महत्व है। शायद यही वजह है कि घर से लेकर अखाड़ों में झंडा की पूजा कर बड़े ही विधि-विधान के साथ लोग रामनवमी जुलूस निकालकर खुशी का इजहार करते हैं।
पंडित दशरत पांडेय के अनुसार जिस जगह पताका या झंडा फहरता है उसके वेग से नकरात्मक उर्जा दूर चली जाती है। उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने सभी अखाड़ा समितियों को समय पर जुलूस निकालकर समापन करने को कहा। जिले के सभी चिन्हित स्थानों पर पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी, पुलिस बल तैनात किया गया है।
बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने लोगो से आपसी भाईचारे के साथ सौहार्दपूर्ण एवं शांतिपूर्ण माहौल में रामनवमी पर्व मनाने की अपील कि है।
जुलूस की निगरानी के लिए जिला कंपोजिट कंट्रोल रूम चालू रहेगा। इसके अलावा सिवनडीह क्षेत्र में मिनी कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। जिले के 13 प्रमुख मार्गों पर जहां से 300 से अधिक अखाड़ा समितियों की ओर से रामनवमी का जुलूस निकाला जाएगा, दोपहर दो बजे से रात 10 बजे तक करीब आठ घंटे के लिए यातायात रोक दिया गया या डायवर्ट किया गया है।
जिला प्रशासन ने आम लोगों से रमजान व रामनवमी पर्व सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाने की अपील की है। बुधवार को, उपायुक्त (डीसी) कुलदीप चौधरी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) चंदन झा ने विभिन्न अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की एक टीम के साथ चास अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों और नगर निगम क्षेत्रों का दौरा किया ताकि त्योहार का शांतिपूर्ण संचालन सुनिश्चित किया जा सके।
डीसी के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम ने विभिन्न अखाड़ा समितियों के अध्यक्ष, सचिव और विभिन्न वर्गों के लोगों से बातचीत की। उन्होंने निवासियों से किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत पुलिस स्टेशनों या ब्लॉक विकास अधिकारियों को सूचित करने को कहा।