Bokaro: स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) द्वारा संचालित बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) सुपर-स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भारी कमी झेल रहा है जिससे न सिर्फ मरीजों को परेशानी हो रही है, बल्कि प्रबंधन को भारी आर्थिक नुक्सान भी हो रहा है। इसके आलावा बीजीएच और बीएसएल प्रबंधन की किरकिरी भी हो रही है। गौरतलब है कि बीजीएच इस राज्य का एक प्रमुख अस्पताल है।
इन सब के बीच बीएसएल प्रबंधन बीजीएच के सुपर-स्पेशियलिटी विंग को उच्च कोटि का करने के लिए अग्रसर हुआ है। BSL प्रबंधन बीजीएच के सुपर-स्पेशियलिटी विंग को बढ़िया तरीके से संचालित करने के लिए बड़े प्राइवेट अस्पताल समूहों के साथ साझेदारी कर सकता है। मकसद है, रोगियों को लाभ हो। उन्हें वर्ल्ड क्लास चिकित्सा सुविधा मिल सके।
आने वाले छह महीने में हो जायेगा निर्णय –
बीएसएल के डायरेक्टर इंचार्ज अमरेंदु प्रकाश ने कहा है कि आने वाले 6 महीनो में बीजीएच का सुपर-स्पेशलिटी विंग एक नए रूप में दिखने को तैयार हो जायेगा। प्रबंधन बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल ग्रुप के साथ साझेदारी सहित हर तरह की संभावना पर विचार कर रहा है।
मानना है, इस तरह की साझेदारी से आवश्यक संसाधनों, बुनियादी ढांचे और विशेषज्ञ डॉक्टरों (super specialist) लाने की क्षमता होती है, जिससे बीजीएच द्वारा प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि होगी जिसका लाभ मरीज़ों को मिलेगा ।
BGH कैंपस में ही होगा सुपर स्पेशलिटी विंग विकसित-
बीएसएल के निदेशक प्रभारी अमरेंदु प्रकाश ने कहा कि चिकित्सा सेवाएं बीएसएल जैसे स्टील बनाने वाले व्यवसाय की मुख्य विशेषज्ञता नहीं हैं। BSL प्रबंधन बीजीएच के परिसर में ही एक अलग सुपर-स्पेशियलिटी इकाई संचालित करने का विकल्प तलाश रहा है। हमलोग राउरकेला मॉडल सहित दूसरे बड़े अस्पतालों के मॉडलों की स्टडी कर रहे है। आने वाले छह महीनो में पूरी कोशिश है इसे बीजीएच में लागू किया जाए ।
निदेशक प्रभारी ने कहा, संभावित भागीदारों के हितों का आकलन करने के बाद सटीक मॉडल और दृष्टिकोण निर्धारित किया जाएगा। अन्य प्रमुख शहरों से सफल उदाहरणों का अध्ययन करने के साथ-साथ राउरकेला में कार्यान्वित मॉडल सहित विभिन्न मॉडलों पर विचार किया जा रहा है। प्रतिष्ठित स्वास्थ्य सेवा समूहों (renowned hospital groups) के साथ परामर्श प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
BGH में है सुपर स्पेशलिस्ट की कमी –
बीजीएच सूत्रों ने बताया कि पूरे बीजीएच में वर्तमान में न्यूरो और बर्न विभागों सहित केवल तीन सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर हैं। बीएसएल कर्मचारियों और निवासियों सहित अधिकांश गंभीर रोगियों को रांची, वेल्लोर, दिल्ली, कोलकाता और अन्य शहरों के बड़े अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है।
बीएसएल प्रबंधन अपने कर्मचारियों के बड़े अस्पतालों में इलाज का खर्च वहन करते हुए सालाना करोड़ों रुपये खर्च करता है। सुपर स्पेशलिस्ट के अभाव में बीजीएच की स्वास्थ्य सेवाएं संतोषजनक नहीं रही और रोगी संतुष्टि सूचकांक बहुत नीचे चला गया है।
हाल के वर्षों में सुपर स्पेशलिस्ट के लिए बीएसएल प्रबंधन द्वारा किये गए नियुक्ति प्रक्रिया में उम्मीद से कम ही सफलता मिल पायी । जिस कारण बीएसएल प्रबंधन साझेदारी सहित नई संभावनाओं का पता लगाने के लिए मजबूर हुआ है।
BGH के Casualty का स्वरुप बदलेगा –
साझेदारी की तलाश के अलावा, बीएसएल प्रबंधन सक्रिय रूप से अस्पताल के बुनियादी ढांचे को उन्नत करने, एडवांस चिकित्सा उपकरण लाने और अस्पताल सेवाओं में पारदर्शिता में सुधार करने पर काम कर रहा है। कार्य संस्कृति को बदलना, विशेष रूप से रोगियों के प्रति डॉक्टरों और नर्सों के व्यवहार को बदलना भी डायरेक्टर इंचार्ज के लिए एक प्राथमिकता है।
बीजीएच के बाहरी रोगी विभाग (OPD) का जीर्णोद्धार किया गया है और अब कैजुअल्टी (ट्रॉमा सेंटर) को अपग्रेड किया जा रहा है। आने वाले कुछ महीनों में और कैजुअल्टी मरीजों के लिए समर्पित की जाएगी।
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