Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

छह सालो में SAIL का होगा कायाकल्प, बोकारो सहित देश के इन स्थानों में लगेगा नया स्टील प्लांट, चेयरमैन-इन-मेकिंग ने कहा..


Bokaro: केंद्रीय इस्पात मंत्रालय ने 2030 तक महारत्न स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के सहयोग से देश की इस्पात उत्पादन क्षमता को मौजूदा 120 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) से बढ़ाकर 300 एमटीपीए करने का लक्ष्य रखा है.

सेल के नए अध्यक्ष चुने गए अमरेंदु प्रकाश, जो बोकारो स्टील प्लांट (BSL) के निदेशक प्रभारी हैं, आने वाले 6 वर्षों में सेल को देश का सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक बनाने का दावा कर रहे हैं. Video नीचे- 

सेल, जिसकी वर्तमान क्षमता 19.6 मिलियन टन है, 2030 तक अपनी क्षमता बढ़ाकर 35 मिलियन टन करने की ओर अग्रसर हो चुका है. एक इंटरव्यू के दौरान, सेल के चेयरमैन-इन-मेकिंग, अमरेंदु प्रकाश ने सेल के विकास का रोडमैप साझा किया :-

प्रश्न: आप अगले 5 वर्षों में सेल (SAIL) के भविष्य की कैसी कल्पना करते हैं?

उत्तर: मुझे छह साल दीजिए और सेल 35 एमटीपीए कंपनी बन जाएगी। देश में स्टील की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सेल को अपनी क्षमता बढ़ाने की जरूरत है. हालांकि भारत में अन्य स्टील कंपनियां भी अपनी क्षमताओं का विस्तार कर रही हैं, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि सेल अव्वल रहेगी. वास्तव में, सेल को भारत में सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक बनते हुए देख रहा हूं. 2030 तक, सेल के मुख्य रूप से दो ही प्रतियोगी होंगे JSW और TATA.

प्रश्नः सेल (SAIL) की अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने की क्या योजना है?

उत्तर: सेल का लक्ष्य अपने इस्पात संयंत्रों में 15 एमटीपीए उत्पादन जोड़ना है जिससे कि 2030 तक सेल की वर्तमान उत्पादन क्षमता 19.5 एमटीपीए से बढ़कर 35 एमटीपीए हो जाये. इसे लक्ष्य को पूरा करने के लिए, सेल अपनी चार मौजूदा इकाइयों को अपग्रेड करने के साथ-साथ नई इकाई लगाने जा रही है.

इन चार स्थानों पर नई इकाइयां स्थापित करने की योजना बनाई है: झारखंड में बोकारो स्टील प्लांट (BSL), पश्चिम बंगाल में इस्को स्टील प्लांट बर्नपुर (IISCO), पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर स्टील प्लांट (DSP) और ओडिशा में राउरकेला स्टील प्लांट (RSP). बर्नपुर में 4 एमटीपीए की क्षमता वाली एक नई इकाई स्थापित की जा रही है. राउरकेला में भी एक नई इकाई स्थापित होगी.

सेल के दुर्गापुर और बोकारो में नई इकाइयों की स्थापना और मौजूदा इकाइयों का विस्तार करने की योजना है. उदाहरण के लिए, बोकारो में एक छोटी ब्लास्ट फर्नेस को अपग्रेड कर एक बड़ी ब्लास्ट फर्नेस स्थापित की जाएगी और एक अलग नई इकाई स्थापित की जाएगी. बोकारो और बर्नपुर में इकाई स्थापित करने की स्वीकृति मिल चुकी है. व्यवहार्यता रिपोर्ट भी तैयार की जा चुकी है. इन इकाइयों के आने के बाद बर्नपुर की उत्पादन क्षमता 2.5 एमटीपीए से बढ़कर 6.5 एमटीपीए और बीएसएल की 5 एमटीपीए से 7.4 एमटीपीए हो जाएगी. Video:


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