Bokaro: शहर के सेक्टर-5 स्तिथ गुरु गोबिंद सिंह पब्लिक स्कूल (GGPS) में शनिवार को अभिभावकों ने जमकर हंगामा किया। अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन द्वारा लिए जा रहे annual fees का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया। घंटों चली इस नारेबाजी में स्कूल टीचर एवं अभिभावकों में बहसा -बहसी भी हुई। स्कूल प्रबंधन के अनुसार उग्र अभिभावको ने नारेबाजी की और कैंपस पर हंगामा किया। पुलिस ने आकर मामले को शांत कराया। Video:
यह घटना तब हुई जब स्कूल में खुद जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO), नीलम आयिलीन टोप्पो मौजूद थी। स्कूल के Annual Exhibition में बतौर मुख्य अतिथि उन्हें आमंत्रित किया गया था। वह अंदर कार्यक्रम में मौजूद थी, बाहर हंगामा होने लगा। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को अपनी बात रखने का पूरा हक है, पर जिस तरीके से उन्होंने रखा वह सही नहीं है। उनके आरोपों की हम जाँच करेंगे और उचित करवाई करेंगे।
अभिभावकों का कहना है कि स्कूल बिना सुचना दिए अचानक 6800 रूपया annual fees मांग रहा था। बच्चों का रिजल्ट नहीं दिया जा रहा था, जिसका उन्होंने विरोध किया। फीस के अलावा, इस कोरोनाकाल में अचानक इतना रूपया अभिभावक नहीं दे पाएंगे। अभिभावकों ने बताया कि पुरे बोकारो में सिर्फ GGPS ही है जो Annual Fees मांग रहा है और कोई भी स्कूल इस कोरोनाकाल में यह चार्ज नहीं ले रहा है।
GGPS स्कूल के प्रिंसिपल, सोमेन मुख़र्जी ने बताया कि स्कूल कोई भी निर्णय CBSE या राज्य सरकार के विरुद्ध जाकर नहीं ले सकता है। हमारे स्कूल ने कोई नियम के विरुद्ध काम नहीं किया है। Annual charge बोकारो का हर स्कूल ले रहा। इस बात का निर्णय बोकारो के सभी स्कूल सहोदया बैठक में ले चुके है। इसके बाद ही GGPS ने यह कदम उठाया है। चुकीं स्कूल में आज एक के बाद एक तीन कार्यक्रम थे – Annual Exhibition, Open Day और इंटरमीडिएट के बच्चो की कॉउन्सिलिंग – इस कारण सब व्यस्त थे। जब तक हमलोगो को पता चला और हमलोग पहुंचे, तबतक अभिभावक अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके थे। मेरे केबिन के अलावा दो और दरवाजे टूटे पड़े थे।
निजी स्कूलों की मनमानी पर मौन क्यो जिला शिक्षा पदाधिकारी:- झारखंड अभिभावक संघझारखंड अभिभावक संघ के जिलाध्यक्ष महेंद्र राय ने कहा कि जीजीपीएस सेक्टर 5 व अन्य बोकारो जिले के निजी स्कूल मैनेजमेंट द्वारा किसी भी तरह अभिभावकों से पैसे वसूली की जाती रही है। ना पहले स्कूल प्रबंधन बदली और ना ही आज बदली है। इस खेल में सरकार कुंभकर्णी नींद में सोई हुई है। मैनेजमेंट की मनमानी से बेचारे अभिभावक पिस्ते जा रहे हैं। एक तरफ उन्हें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता रहती है तो दूसरी तरफ स्कूल मैनेजमेंट के नए-नए पैंतरे। नए नए वसूली लगातार बढ़ती जा रही है जिससे अभिभावक त्रस्त है।
महेंद्र राय ने कहा कि निजी स्कूलों की मनमानी यह दर्शाता हैं कि जिला प्रशासन झुकी हुई हैं। निजी स्कूलों के अभिभावकों का दोहन किया जा रहा है। विगत 18 महीनों से लगातार जिला प्रशासन शिक्षा विभाग से इन निजी स्कूलों के खिलाफ बार-बार शिकायत करता रहा। परंतु जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा टालमटोल का रवैया अपनाया जा रहा है। आखिर क्यों राज्य सरकार का आदेश का पालन नही करा रहे जिला शिक्षा पदाधिकारी? शिक्षा अधिनियम 2017 के तहत जिला फीस निर्धारण समिति व स्कूल स्तरीय फीस निर्धारण समिति गठित क्यो गठित नही करा रहे जिला शिक्षा अधीक्षक ? दोनो पदाधिकारी की नाकामी से निजी स्कूलों की मनमानी चरम सीमा पर। सिर्फ अभिभावको का दोहन हो रहा। सात दिनों के अंदर शिक्षा अधिनियम 2017 के तहत जिला स्तरीय फीस निर्धारण समिति गठित करें नही तो झारखंड अभिभावक संघ जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय के समक्ष धरना देगी।