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BPCL के खिलाफ झामुमो का तूफानी प्रदर्शन: नेताओं ने कहा झारखंड बदल गया है, कंपनी समझ ले


Bokaro: सैकड़ो की संख्या में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकर्ताओ ने भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (BPCL) के समक्ष जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया। झामुमो का यह प्रदर्शन स्थानीय लोगों के लिए नौकरी की मांग को लेकर था। महानगर अध्यक्ष मंटू यादव ने इस प्रदर्शन कर नेतृत्व किया।

यादव ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार झारखंड के प्रति ठीक नियत नहीं रखती है। चाहे वो बोकारो स्टील प्लांट (SAIL-BSL) हो या सीसीएल (CCL), ओएनजीसी (ONGC), इंडियन ऑयल (Indian Oil), या फिर भारत पैट्रोलियम हिंदुस्तान पेट्रोलियम (BPCL) यह सारी केंद्रीय कंपनियां केवल झारखंड से पैसा कमाने में अपनी रुचि रख रही है। झारखंड के स्थानीय लोगो को इन कंपनियों का प्रबंधन देखना नहीं चाहता है।BPCL इसका जीता जागता उदहारण है। मंटू यादव ने कहा कि BPCL को बोकारो औद्योगिक क्षेत्र में जमीन इसलिए नहीं दिया गया था, कि यहां इंडस्ट्री लगाने के बाद, वह यहां बाहर से मजदूर के आएं और स्थानीय लोग जिनके पूर्वजों की जमीन का अधिग्रहण हुआ वे लोग बाहर बैठकर बेरोजगार रहे। BPCL प्रबंधन को आज समझना होगा की राज्य में मोदी सरकार नहीं है, यहां कारपोरेट घरानों का नहीं चलेगा।

यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्पष्ट रूप से बोकारो के उपायुक्त को भी कहा है, और उन्होंने सभी स्थानों पर ऐलान किया है कि हर हाल में 75% नौकरी स्थानीय लोगों को देना होगा। यदि कंपनी प्रबंधन इस नियम का पालन नहीं करता है तो झारखंड मुक्ति मोर्चा गेट में ताला मारने से भी गुरेज नहीं करेगा। ऐसा नहीं चलेगा की यहां के लोग बेरोजगार रहेंगे और बाहर के लोग रोजगार करेंगे।झामुमो ने BPCL के सामने साफ़ एलान कर दिया, की कंपनी भर्ती निकाले पर उस भर्ती में स्पष्ट निर्देश होना चाहिए कि पहली प्राथमिकता विस्थापितों को दूसरी प्राथमिकता पूरे बोकारो के स्थानीय लोगों को और उसके बाद झारखंड के लोगों को देना होगा, इसके बाद भी उन्हें योग्य व्यक्ति नहीं मिलते हैं तभी वह दूसरे जगह के लोगों की बहाली कर सकते हैं। यह राज्य में कानून भी लागू है और उन्हें हर हाल में मानना होगा।

मंटू यादव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा कानून का पालन करवाना जानता है, जो भी अधिकारी उच्च प्रबंधन कुर्सी पर बैठे हुए हैं उन्हें यह बात समझ लेना चाहिए कि बदला हुआ झारखंड है, इसके मुखिया हेमंत सोरेन है, बात नहीं मानेंगे तो आप की दवाई का उपाय हम लोगों के पास है। ऐसा नहीं चलेगा कि आप यहां पर तेल डिपो चलाइए और यहां के लोग बेरोजगार बैठे रहे।

इंडियन ऑयल प्लांट जैसा हाल झारखंड मुक्ति मोर्चा नहीं होने देगा जितने भी पद यहां पर स्थाई या अस्थाई होते हैं वे सभी पदों पर स्थानीय बेरोजगारों को ही नियोजित किया जाए बोकारो में आईटीआई डिप्लोमा इंजीनियर की कोई कमी नहीं है। मैनेजर की कोई कमी नहीं है आप यहां से लीजिए झारखंड सरकार हर मुद्दे पर आपकी मदद करेगी।

JJMS के बी के चौधरी ने कहा कि प्रदेश की वर्तमान सरकार की इच्छाशक्ति का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 28 अगस्त को दिल्ली में डालमिया भारत के साथ समझौता होता है और अक्टूबर माह में डालमिया को जमीन मिल जाती है तो हमारी सरकार उद्यमियों के लिए रेड कारपेट बिछाये हुए हैं। लेकिन उसकी एकमात्र शर्त यही है कि आप रोजगार यहां के लोगों को देंगे क्योंकि बिजली हमारा, पानी हमारा और प्रदूषण भी आप ही के वायुमंडल में फैलाएंगे, तो रोजगार भी यही के लोगों को देना होगा। इसमें न तो कोई समझौता होगा ना ही कोई वार्ता होगा।प्रदर्शन में मुख्य रूप से मोहन मुर्मू मनोज हेंब्रम हसन अंसारी कलाम अंसारी लालमोहन हेंब्रम उदय गोस्वामी अजय हेंब्रम मिथुन मंडल मुटूकलाल किस्कू मुखलाल हेंब्रम प्रभु केवट सुबोध ठाकुर मारूफ अंसारी दलों यादव अशोक हेंब्रम सोहन मुर्मू अभिमन्यु मांझी चंदन कुमार मंगल हंसदा अर्जुन महतो धीरन महतो विनोद महतो पप्पू सरदार बद्री स्वर्णकार पुनीत विश्वकर्मा रवि मुंडा जय महतो लकी गोस्वामी धनेश्वर तूरी पंकज गोप विनय यादव सुशील मुर्मू करमचंद हेंब्रम महिला नेत्री सस्टी देवी विधिका हेंब्रम आलता देवी अंजलि सोरेन अमरावती सोरेन इत्यादि सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे ।


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