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UPSC Result: सेल्फ स्टडी के दम पर बोकारो स्टील प्लांट के मैनेजर ने UPSC परीक्षा में किया कमाल


Bokaro: अपने मेहनत और मजबूत इच्छाशक्ति से बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) में प्रबंधक के पद पर कार्यरत कुमार रजत ने UPSC में 423 रैंक लाकर कमाल कर दिया। रजत सेक्टर 4 D के निवासी है और बीएसएल के डायरेक्टर इंचार्ज ऑफिस में बतौर मैनेजर पदस्थापित है। रजत के UPSC में सिलेक्शन से पूरा इलाका उत्साहित है। उनको जमकर बधाइयाँ मिल रही है। रजत ने 2021 में बीपीएसी में 150 वा रैंक लाया था, पर सेल-बीएसएल (SAIL-BSL) छोड़कर नहीं गए।

व्यक्तिगत पृष्ठभूमि और दृढ़ संकल्प:
सबसे बड़ी बात यह है कि रजत ने UPSC परीक्षा की तैयारी बिना किसी कोचिंग के खुद की है, वह भी बोकारो जैसे छोटे शहर में रहकर, नौकरी करते और परिवार सँभालते हुए। वह धनबाद, कतरास के रहनेवाले है और उनकी स्कूलिंग वहीं राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर और डीएवी से हुई थी। उनके पिता रमेश कुमार LIC एजेंट थे और माता सुधा देवी गृहणी है। फिलहाल वह अपने माता-पिता, पत्नी और पांच माह के बच्चे के साथ रहते है। पत्नी निक्की गुप्ता भी बीएसएल के सीआरएम-3 में मैनेजर है।

रजत ने बताया कि उन्होंने UPSC की तैयारी 2016 में शुरू की थी। NIT जमशेदपुर से उन्होंने बीटेक किया और 2014 में बीएसएल में एमटीटी ज्वाइन किया। उनकी पहली पोस्टिंग सिंटर प्लांट में हुई। फिर वह प्लांट में ही सीजीएम मेन्टेन्स के टीए रहे। उनकी क़ाबलियत को देखते हुए एक हफ्ते पहले बीएसएल प्रबंधन ने उनकी पोस्टिंग डायरेक्टर इंचार्ज ऑफिस में कर दी। रजत के UPSC में सफलता से उनका पूरा ऑफिस उत्साहित है।

परिवार के सपोर्ट के बिना संभव नहीं:
रजत ने बताया कि वह अपने सफलता का पूरा श्रेय अपने माता-पिता, पत्नी और परिवार को देते है। उन्ही के सहयोग से वह UPSC में चौथे एटेम्पट में सफल हो पाए। उन्होंने बताया कि एक समय ऐसा आया की वह हतोत्साहित हो गए थे। तीन एटेम्पट देने के बाद भी वह UPSC का prelimns में नहीं सफल ही पाए थे। उन्होंने कोरोना के दो साल UPSC की परीक्षा नहीं दी। पर उनकी पत्नी और माता पिता ने मनोबल बढ़ाया। पत्नी ने कहा कि ऐसा थोड़ी न है की तीन बार असफल हुए तो चौथी बार भी होंगे। उसके बाद रजत ने जमकर तैयारी की और चौथे एटेम्पट में सफक हो गए।

काम और पढ़ाई के बीच संतुलन और तैयारी:
रजत ने बताया प्लांट में काम करते हुए तैयारी थोड़ी मुश्किल थी, पर जज्बा ऊँचा था। वह घंटो में बंधकर नहीं पढ़ सकते थे। इसलिए वह सब्जेक्ट वाइज टारगेट सेट करके पढ़ाई करते हे। उन्होंने कोई कोचिंग नहीं की क्युकी नौकरी के साथ क्लास करना संभव नहीं था। वह प्लांट से घर आकर देर रात तक बिना समय देखे पढ़ते थे, जबतक पोरशन खत्म न हो जाये। अपने साप्तहिक छुट्टियों को वह पूरी तरह तैयारी में लगते थे। नो पार्टी, नो घूमना। पत्नी भी कभी दबाव नहीं डालती थी। उन्होंने अपनी तैयारी – NCERT किताबें पढ़कर, इंटरनेट से कई विषयो पर ज्ञान अर्जित कर, मैगज़ीन, अख़बार पढ़कर किया। UPSC मैन्स के पहले उन्होंने दृष्टि आईएएस से दो महीने का ऑनलाइन कोर्स किया।

भविष्य की आकांक्षाएं और आभार: 


रजत ने कहा कि वह शुरू से IAS बनना चाहते है। इस बार के रैंक से उन्हें IPS या IRS मिलने की उम्मीद है। पर वह अपनी तैयारी जारी रखेंगे और अगले साल एक और एटेम्पट देंगे। उन्होंने कहा बीएसएल का कल्चर बहुत ही अच्छा है। अगर आप अपना सेल्फ डेवलपमेंट करना चाहते है तो यहां लोग आपको खूब प्रोत्साहित करते है। उनको भी उनके सहयोगियों ने UPSC तैयारी को लेकर खूब सराहा और हिम्मत दी। रजत ने कहा कि उनके सफलता के पीछे उनके परिवार और बीएसएल के अच्छे माहौल का बहुत बड़ा योगदान है।

 


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