Bokaro: समाहरणालय सभागार में मंगलवार को उपायुक्त श्रीमती विजया जाधव के निर्देशानुसार “सुरक्षित इंटरनेट दिवस” पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस वर्ष की थीम ‘साथ मिलकर एक बेहतर इंटरनेट के लिए’ पर आधारित इस कार्यक्रम में इंटरनेट सुरक्षा और जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया गया। कार्यक्रम के दौरान जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी (डीआइओ) श्री धनंजय कुमार ने उपस्थित लोगों से इंटरनेट का सावधानी पूर्वक उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इंटरनेट का उपयोग करते समय यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि साइटें प्रामाणिक हो, सलाह दी कि अपनी व्यक्तिगत जानकारी को फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अनावश्यक रूप से साझा करने से बचना चाहिए।
जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी (डीआइओ) ने बताया कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले उसके डोमेन की जांच करना बेहद जरूरी है। फर्जी साइटों से बचने के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है। किसी भी एसएमएस के माध्यम से प्राप्त लिंक को खोलने से पहले उसकी जांच – पड़ताल कर लेनी चाहिए। इंटरनेट का उपयोग करते समय अन्य महत्वपूर्ण सावधानियाँ बरतने की अपील की। कहा कि इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग के लिए सामूहिक प्रयास और जागरूकता अति आवश्यक है।
इससे पूर्व, जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी (डीआइओ) ने सुरक्षित इंटरनेट दिवस (Safer Internet Day) के संबंध में सभी को बताया। कहा कि, हर साल फरवरी के दूसरे सप्ताह के मंगलवार को मनाया जाता है। इस साल यह आज यानी 11 फरवरी 2025 को मनाया जा रहा है।
मौके पर साइबर थाना बोकारो के एसआइ श्री कृष्णा कुमार कुशवाहा ने कहा कि इंटरनेट एक शक्तिशाली माध्यम है, लेकिन इसके साथ साइबर अपराध, डेटा चोरी, ऑन – लाइन धोखाधड़ी और साइबर बुलिंग जैसी समस्याएं भी बढ़ी हैं। उन्होंने क्रमवार साइबर सुरक्षा, डिजिटल प्राइवेसी और इंटरनेट के सकारात्मक उपयोगों, कंट्री कोड को देखते हुए काल को रिसीव करने, निजी सूचना किसी के साथ शेयर नहीं करने के संबंध में बताया। वहीं, साइबर अपराध से संबंधित किसी भी शिकायत को अविलंब 1930 पर एवं www.cybercrime.gov.in पर करने की बात कहीं।
मौके पर सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह ने सुरक्षित इंटरनेट दिवस क्यों मनाया जाता है और इसके संबंध में प्रकाश डाला। बताया कि सुरक्षित इंटरनेट दिवस की शुरुआत 2004 में यूरोपियन कमीशन के “सेफबॉर्डर प्रोजेक्ट” द्वारा की गई थी। इसके बाद, इंसेफ (INSAFE) नेटवर्क ने इसे वैश्विक स्तर पर फैलाने का कार्य किया। आज यह 170 से ज्यादा देशों में मनाया जाता है, जहां सरकारें, टेक कंपनियां और शिक्षण संस्थान मिलकर साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चलाते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य इंटरनेट के सुरक्षित और जिम्मेदाराना उपयोग के प्रति जागरूकता फैलाना है, खासकर बच्चों और युवाओं के बीच।
मौके पर एडीआइओ श्री अमरेश कुमार, यूआइडी डीपीओ श्री शैलेंद्र मिश्र, नेटवर्क इंजीनियर पल्लव घोष आदि ने कार्यशाला में अपने वक्तव्य को रखा।
कार्यशाला में कई अधिकारियों और आम नागरिकों ने भाग लिया और इंटरनेट सुरक्षा पर अपने विचार साझा किए। इस कार्यशाला का उद्देश्य इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में जागरूकता फैलाना और एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण की स्थापना में सहयोग करना था। कार्यशाला में विभिन्न विभागों के कर्मी, कंप्यूटर आपरेटर, वीलेज लेवल इंटरपेनरशिप (वीएलई) आदि उपस्थित थे।
कार्यशाला में इंटरनेट पर सुरक्षित रहने के टिप्स दिए गए, जो निम्न हैः-
- मजबूत पासवर्ड बनाएं और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) इस्तेमाल करें।
- पासवर्ड कम से कम 12-16 अक्षरों का होना चाहिए और इसमें अक्षर (A-Z, a-z), नंबर (0-9) और विशेष चिन्ह (!, @, #, $ आदि) होने चाहिए।
- हर प्लेटफॉर्म के लिए अलग-अलग पासवर्ड बनाएं।
- सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी कम से कम साझा करें।
- जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, घर का पता और अन्य व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक रूप से शेयर न करें।
- अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स को मजबूत करें और अनजान लोगों से फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें।
- संदिग्ध ईमेल और लिंक पर क्लिक न करें।
- फिशिंग अटैक (Phishing Attack) से बचने के लिए अनजान ईमेल, एसएमएस, या व्हाट्सएप लिंक पर क्लिक करने से पहले जांच करें।
- “https://” वाले सुरक्षित वेबसाइट्स का ही उपयोग करें।
- अज्ञात Wi-Fi नेटवर्क से बचें।
- पब्लिक Wi-Fi (जैसे कैफे, होटल, रेलवे स्टेशन) का उपयोग करते समय वीपीएन (VPN) का इस्तेमाल करें।
- अपने डिवाइस में एंटीवायरस और फायरवॉल ऑन रखें।
- साइबर बुलिंग और ऑनलाइन धोखाधड़ी की रिपोर्ट करें।