Bokaro: महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रभावी कानून लागू है। जरूरत है तो हर महिला को कानूनी जानकारी हो, इससे वह सशक्त हो सकेंगी। इसी उद्देश्य से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नियमित कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। उक्त बातें माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार बोकारो प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने कहीं। वह सोमवार को न्याय सदन सभागार में राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वाधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकार बोकारो द्वारा महिलाओं के लिए आयोजित विधिक जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मौके पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, न्यायिक पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार बोकारो प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि देश कि आजादी का अमृत महोत्सव दो अक्तूबर से आगामी 14 नवंबर तक मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य भारत के संविधान में जन सामान्य के जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन रोकने के लिए मौलिक अधिकार दिया गया है। जिलावासियों तक विधिक सेवा, सहायता गतिविधियों से जागरूक करते हुए पहुंच सुनिश्चित करना है।
विधिक जागरूकता शिविर में बताया कि वर्तमान में न्याय सभी के लिए उपलब्ध है, न्याय पाने का सभी को समान अधिकार है। यदि कोई व्यक्ति अपना मामला न्यायालय में प्रस्तुत करना चाहता है अथवा उसका कोई प्रकरण न्यायालय में लंबित है तो उस व्यक्ति की गरीबी न्याय दिलाने में रुकावट नहीं होगी। महिला सशक्तीकरण, महिलाओं के अधिकार, महिला उत्पीड़न के संबंध में कानूनी जानकारी दी।न्यायिक पदाधिकारियों ने क्रमवार घरेलू हिंसा, सिनियर सिटिजनस, निःशुल्क विधिक सहायता, गर्भधारण पूर्व तथा जन्म पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन निषेध) अधिनियम 1994 गर्भ का चिकित्सीय समापन अधिनियम,1971 दहेज प्रथा, महिलाओं के साथ काम – काज के जगह छेड़ – छाड़ से संबंधित अपराध, बाल विवाह प्रतिषेध कानून, लैगिक अपराधों का बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के संबंध में विस्तार से बताया।