Bokaro: अस्पतालों, पैथोलॉजिकल लैब्स और क्लीनिकों में उत्पन्न होने वाले बायो-मेडिकल वेस्ट के उचित पृथक्करण, पूर्व-उपचार और निपटान के कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जेएसपीसीबी) ने बायो-मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स-2016 पर हैण्ड होल्डिंग सह इंटरेक्शन सेशन का आयोजन किया गया.
महाप्रबंधक (ईसीडी) नवीन प्रकाश श्रीवास्तव ने आरंभ में सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा बायो-मेडिकल वेस्ट के उचित पृथक्करण, पूर्व-उपचार और निपटान की महत्ता पर प्रकाश डाला. प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि बायो-मेडिकल वेस्ट को म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट के साथ नहीं मिलाना चाहिए जो मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकारक है.
रामप्रवेश कुमार ने कहा कि बायो-मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 पर हैंड-होल्डिंग कम इंटरेक्शन सेशन बोकारो और आसपास के क्षेत्रों की विभिन्न पैथोलॉजिकल लैब्स, अस्पतालों और क्लीनिकों को उनके संबंधित स्थानों पर बायो-मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स के उचित कार्यान्वयन में मदद करेगा.
कार्यशाला के दौरान झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आशुतोष कुमार, मैसर्स सेफ-बायो के संस्थापक निदेशक अशोक कुमार एवं भूतपूर्व जेएसपीसीबी इंजीनियर डीपी सिंह द्वारा बायो-मेडिकल वेस्ट पर तीन प्रस्तुतियां दी गईं. कार्यक्रम का संचालन सहायक महाप्रबंधक(ईसीडी) नितेश रंजन ने किया.
उल्लेखनीय है कि बोकारो जनरल अस्पताल झारखंड का पहला अस्पताल है जिसने 2015 में बीजीएच में उत्पन्न होने वाले बायो-मेडिकल वेस्ट के उचित निपटान के लिए अपना कैप्टिव इंसीनरेटर स्थापित किया था तथा उचित जैव-चिकित्सा अपशिष्ट निपटान के मामले में बीजीएच को झारखंड के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में से एक चुना गया था. विश्व पर्यावरण दिवस – 2016 के अवसर पर झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा रांची में आयोजित एक समारोह में बीजीएच को सम्मानित किया गया था.
कार्यक्रम में मुख्य महाप्रबंधक (नगर प्रशासन) बी एस पोपली, चीफ मेडिकल ऑफिसर (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ पंकज शर्मा, आर ओ (जेएसपीसीबी) रामप्रवेश कुमार, एडिशनल मेडिकल ऑफिसर (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ वर्षा घनेकर सहित बोकारो नगर के विभिन्न अस्पतालों, पैथोलॉजिकल लैब्स और क्लीनिकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.