Bokaro: वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण विद्यालय लंबे समय तक बंद रहे। अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है तथा लंबे अंतराल के बाद जिले के सभी सरकारी विद्यालय खुल गए हैं। सभी बच्चों को पुनः विद्यालय में वापस लाने एवं उनकी नियमित उपस्थिति बनाए रखने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। इस हेतु 05-18 आयुवर्ग के सभी बच्चों की शिक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है।
उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए विद्यालत स्तर पर एक अभियान ” स्कूल रूआर, 2022 (बैक टू स्कूल कैम्पेन) कार्यक्रम चलाने की परिकल्पना की गई है। उक्त के आलोक में उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने इस कार्यक्रम का पूरे जिलांतर्गत आयोजन एवं सफल संचालन हेतु सम्बन्धित पदाधिकारियों को महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए हैं।
इस अभियान की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया है कि इस अभियान में विशेष रूप से प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु प्रयास किया जाएगा। माता-पिता/ अभिभावक, शिक्षक एवं विद्यालय प्रबंधन समिति के आपसी समन्वय से लक्ष्य प्राप्ति हेतु कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई है। “ स्कूल रूआर, 2022 (बैक टू स्कूल कैम्पेन)” कार्यक्रम की कुल अवधि 30 दिनों की होगी, जो दिनांक 05 अप्रैल 2022 से आगामी 04 मई 2022 तक संचालित की जाएगी।
■ कार्यक्रम के तहत निम्न कार्य किये जायेंगे-
◆ जिला स्तर पर जन प्रतिनिधि, सभी विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी एवं प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, बी.आर.पी/ सी.आर.पी., गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि, पी.आर.आई. के प्रतिनिधि की बैठक कर ई-विद्यावाहिनी के माध्यम से प्राप्त बच्चों के नामांकन एवं उपस्थिति की समीक्षा की जाएगी।
◆ जिला स्तर पर बच्चों के उच्च कक्षाओं में ट्रांजिशन की समीक्षा की जाय। इस हेतु सभी प्राथमिक विद्यालयों का मध्य विद्यालयों, मध्य विद्यालयों का उच्च विद्यालयों के साथ मैपिंग करने की कार्रवाई की जाय, ताकि कक्षा 05 के बच्चे कक्षा 06 में, कक्षा 08 के बच्चे कक्षा 09 में एवं कक्षा 10 के बच्चे कक्षा 11 में छीजन न हो।
◆ विद्यालय से बाहर रहने वाले बच्चों (आऊट ऑफ स्कूल चिल्ड्रेन), अप्रवासी परिवार के बच्चे, विशेष आवश्यकता वाले बच्चे, कोरोना प्रभावित बच्चे आदि को “DAHAR APP” के माध्यम से चिन्हित कर उनका नामांकन सुनिश्चित करने की कार्रवाई की जाय।
◆ आंगनबाड़ी केंद्रों एवं निकटतम विद्यालयों के बीच विभागीय समन्वय स्थापित करने हेतु पहल की जाय।
◆ निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 12 (1) सी के तहत निजी विद्यालयों के प्रारंभिक कक्षाओं में जरूरतमंद बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित की जाय।
◆ सभी विद्यालयों में आवश्यकतानुसार रंग-रोगन, वर्ग कक्षाओं की मरम्मति, शौचालय एवं पेयजल की समुचित व्यवस्था की जाय एवं सामुदायिक जागरूकता पर आधारित पोस्टर को प्रखंड तक उपलब्ध कराना।
◆ जिला परियोजना कार्यालय में एक स्कूल रुमाल कार्यक्रम के संचालन अवधि तक एक कोषांग का गठन करना जो गूगल लिंक के माध्यम से प्रतिदिन बच्चों की उपस्थिति एवं गतिविधि का प्रतिवेदन तैयार करेगा इसकी सूचना जिले एवं राज्य परियोजना कार्यालय को उपलब्ध कराएगा
◆ “ स्कूल राऊर, 2022” के आयोजन हेतु प्रखंड स्तर पर कार्यक्रम में सहायता की रूपरेखा तैयार कर प्रखंड एवं संकुल स्तर के कर्मियों को शामिल करते हुए उनकी जिम्मेवारी सुनिश्चित की जाय। साथ ही उन्होंने जिला एवं प्रखंड स्तर के प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा कम से कम 02 विद्यालयों का भ्रमण कर इस अभियान को गति प्रदान करने का निर्देश करना।
◆ माता-पिता एवं अभिभावकों को अपने बच्चों को नियमित विद्यालय भेजने हेतु अपील करना तथा शत-प्रतिशत उपस्थिति वाले विद्यालयों के प्रधानाध्यपक एवं विद्यालय प्रबंध समिति को सम्मानित करना।
◆ विद्यालय अवधि में कोई भी बच्चा विद्यालय से बाहर न रहे, इस हेतु व्यापक पहल की जाए। साथ ही अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने एवं जनसाधारण को कार्यक्रम से जोड़ने की व्यवस्था की जाय एवं विभिन्न स्तरीय कार्यक्रमों के संचालन में कोविड-19 के मानकों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।
◆ “ स्कूल रूआर, 2022 (बैक टू स्कूल कैम्पेन) कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों को सम्मानित किया जाएगा। यह व्यापक अभियान है। सभी विभागों के सामूहिक प्रयास के कार्यक्रम के लक्ष्य की प्राप्ति संभव है। “स्कूल रूआर, 2022” बैक टू स्कूल कैम्पेन कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु हम अपने बच्चों की विद्यालय में पुनर्वापसी करा सकेंगे एवं उनकी नियमित उपस्थिति एवं अध्यापन की हानि को कम कर सकेंगे।