Bokaro: कोरोना के मामले फिर बढ़ने लगे है। हर दिन दर्ज़न भर से ऊपर नए पॉजिटिव मामले मिल रहे है। एक मौत भी हुई है। जिला स्वास्थ विभाग टेस्टिंग बढ़ाने का दावा कर रहा है। लेकिन कोरोना टेस्टिंग का हाल पहले जैसा ही है।
सरकारी टेस्टिंग RAT से हो रही है, बीजीएच में Truenat के जरिये सैंपल जांचे जा रहे है और प्राइवेट अस्पताल RTPCR टेस्टिंग कर चांदी काट रहे है। सरकारी RTPCR टेस्ट की रिपोर्ट के लिए कम से कम दो दिन लग रहे है।
इस माहौल में जागरूक लोगो को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा पिछले साल किये गए बोकारो में RTPCR लेबोरेटरी खोलने की घोषणा याद आ रही है। लोग बोल रहे है कि सरकार घोषणा कर भूल जाती है। आज अगर RTPCR लैब खुल गया होता तो टेस्टिंग को लेकर बोकारो का स्वास्थ विभाग अपने पैरो पर खड़ा होता।
COVID-19 से लड़ने में टेस्टिंग सबसे महत्वपूर्ण हथियारों में से एक है क्योंकि समय पर पता लग जाने से वायरस को फैलने से रोकने में मदद मिलती है।
सेक्टर-5 स्वास्थ्य केंद्र में आरटीपीसीआर लैब व इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार है। बोकारो में RTPCR प्रयोगशाला उन छह प्रयोगशालाओं में से एक है, जिनकी घोषणा 1 अप्रैल, 2021 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य भर में कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए की थी। लगभग एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी प्रयोगशाला शुरू नहीं हो सका।
प्रयोगशाला का बुनियादी ढांचा तैयार है। सेक्टर-5 स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा उपकरणों और गैजेट्स के साथ आरटीपीसीआर मशीनें स्थापित की जा चुकी हैं, लेकिन मंजूरी के अभाव में यह अभी तक चालू नहीं हुई है। बोकारो के अलावा गुमला, रांची सदर अस्पताल, चाईबासा, जमशेदपुर, गोड्डा और देवघर के लिए अन्य RTPCR लैब की घोषणा की गई थी।
पिछले दो कोरोना की लहरो में, बोकारो स्वास्थ्य मशीनरी RTPCR परीक्षणों के लिए पूरी तरह से PMCH, धनबाद और RIMS, रांची पर निर्भर था। जिसका रिपोर्ट आने में आमतौर पर लगभग तीन से चार दिन लगते थे। दूसरे लहर में सदर अस्पताल, बोकारो जनरल अस्पताल (बीजीएच) और अनुमंडलीय अस्पतालों में ट्रूनेट मशीनें लगाई गईं। रैपिड एंटीजन किट (आरएटी) के इस्तेमाल से किसी तरह स्थिति पर काबू पाया गया था।
तेजी से फैलने वाले वायरस का आकलन करने के लिए लगभग 20 लाख आबादी वाले बोकारो में RTPCR की आवश्यकता है। इसके लिए बोकारो स्टील प्लांट (BSL) ने अपना स्वास्थ्य केंद्र समर्पित किया। जिसमे सरकार ने RTPCR मशीन लगाई और प्रयोगशाला विकसित की। एक आंकड़े के अनुसार, महामारी फैलने के बाद से अबतक स्वास्थ्य विभाग द्वारा पांच लाख से अधिक स्वाब नमूनों का कोविड परीक्षण किया गया था।
जून 2020 में, बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) और जिला प्रशासन ने आरटीपीसीआर प्रयोगशाला खोलने के लिए हाथ मिलाया (MOU)। बीएसएल ने समझौते के अनुसार जमीन और बुनियादी ढांचा मुहैया कराया, जबकि जिला प्रशासन ने आरटी-पीसीआर मशीन और प्रयोगशाला स्थापित की। झारखंड में Paniit Almuni Reach for Jharkhand (PREJHA) नामक एजेंसी, जिसे बोकारो सहित सात से अधिक स्थानों पर राज्य सरकार द्वारा प्रयोगशाला स्थापित करने का ठेका दिया गया था, ने दावा किया कि काम पूरा हो गया है।
बोकारो आरटीपीसीआर परियोजना की देखरेख करने वाली PREJHA के मीनाक्षी कुमार के अनुसार, “प्रयोगशाला तैयार है और नवीनतम आरटीपीसीआर मशीन स्थापित है। हम प्रयोगशाला शुरू करने के लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग और आईसीएमआर की मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। मंजूरी मिलने के बाद, 15 दिनों के भीतर हम लैब शुरू कर देंगे”