प्रेमजीत जायसवाल|Correspondent
Kasmar: कसमार प्रखंड के मंजूरा गांव में मकर संक्रांति के अवसर पर गुरुवार को बेझा बिंधा के नाम से एक अनोखी तीरंदाजी प्रतियोगिता हुई। दशकों पुरानी यह परंपरा बेंझा बिंधा के नाम से जानी जाती है। इसके तहत विजेता को एक वर्ष के लिए एक खेत उपहार में दिया जाता है। इस बार झरमुंगा के पिंटू करमाली इसके विजेता हुए। विजेता बनने के बाद परंपरा के अनुसार उन्हें कंधे पर उठाकर पूरे गाँव में घुमाया गया। प्रतियोगिता में दर्जनों प्रतिभागियों ने काफी उत्साह के साथ भाग लिया। इस दौरान काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।


उल्लेखनीय है कि मंजूरा निवासी स्वर्गीय रीतवरण महतो द्वारा करीब 100 साल पहले इस अनूठी परंपरा की शुरुआत की गई थी। तब से प्रत्येक वर्ष काफी उत्साह-उमंग के साथ यह प्रतियोगिता आयोजित होती आ रही है। इस प्रतियोगिता के तहत निशाना साधने के लिए खेत के बीचों-बीच केला का एक खंभा गाड़ा गया था। प्रतिभागियों ने उसी पर निशाना साधा। मौके प्रमुख विजय किशोर गौतम, गिरिवर महतो, तेजनारायण महतो, विनय कुमार, सतीशचन्द्र महतो, ओमप्रकाश महतो, धीरु ठाकुर, समाजसेवी मिथिलेश कुमार महतो, गोड़ाईत तीजू महली, नाया जानकी महतो, नरेश घाँसी, घमंडी तुरी, वीरेंद्र महतो, त्रिभुवन महतो, गोबिंद तुरी, जीतू ठाकुर,गुलाब अंसारी, नरेंद्र प्रजापति, समेत सैंकड़ो लोग मौजूद थे।
