रामनवमी 2025 पर जिले भर में भव्य शोभायात्राओं और भक्तिमय आयोजनों के साथ पर्व मनाया गया। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक जुलूस निकाले गए, जिनमें महावीरी ध्वज, पारंपरिक हथियार और भक्ति संगीत शामिल था। श्रद्धालुओं ने “जय श्री राम” के नारों के साथ नृत्य कर माहौल को ऊर्जा से भर दिया। शोभायात्राओं में पारंपरिक मार्शल आर्ट्स का प्रदर्शन भी हुआ, जिससे सांस्कृतिक गौरव झलका। यह उत्सव जिले की सांस्कृतिक विरासत, धार्मिक आस्था और सामाजिक एकता का जीवंत उदाहरण बनकर उभरा।Bokaro: रामनवमी का पावन पर्व रविवार को जिले भर में अपार श्रद्धा और जबरदस्त उत्साह के साथ मनाया गया। शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण अंचलों तक, हर कोना राममय हो उठा। पारंपरिक जुलूसों ने संस्कृति और आध्यात्म की एक जीवंत झलक प्रस्तुत की। See Video…
महावीरी ध्वज, ढोल-नगाड़े और “जय श्री राम” की गूंज
भक्ति संगीत की धुन पर थिरकते श्रद्धालु, पारंपरिक हथियारों और महावीरी ध्वज से सजे जुलूस, और “जय श्री राम” के नारों ने माहौल को जोश और जुनून से भर दिया। हर आयु वर्ग के लोग इस उत्सव का हिस्सा बने।
महिलाओं की दमदार भागीदारी, दिखा नारी शक्ति का प्रतीक
महिलाएं और लड़कियां भी पीछे नहीं रहीं—उन्होंने उत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण पेश किया। उनकी सक्रिय भागीदारी ने उत्सव को और भी खास बना दिया।
परंपरा से जुड़ा अद्भुत प्रदर्शन—मार्शल आर्ट्स और हथियारों का कमाल
जुलूस के दौरान पारंपरिक युद्ध कौशल का प्रदर्शन, तलवारबाज़ी और अन्य शौर्य कलाओं ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह प्रदर्शन ना सिर्फ मनोरंजक रहा, बल्कि भारतीय संस्कृति की गौरवगाथा भी बयां की।
हर गली, हर चौराहा राम के रंग में रंगा
बसंती मोड़, सेक्टर 4, सेक्टर 9, पत्थरकट्टा, राम मंदिर और चास धर्मशाला मोड़ जैसे प्रमुख स्थलों से होकर भव्य शोभायात्राएं निकलीं। वहीं, जरीडीह, नावाडीह, चंद्रपुरा, बेरमो, पेटरवार, कसमार, गोमिया और चंदनकियारी समेत कई क्षेत्रों में भी रामनवमी का उल्लास पूरे शबाब पर रहा।