Bokaro: जिले में खुले में शौच से मुक्त होने वाली ग्राम पंचायत नरकेरा में अब स्वच्छ भारत मिशन के फेज -2 के तहत पॉलीथिन मुक्त बनाने की कवायद शुरू की गई है। इसके तहत शनिवार को चास प्रखंड अन्तर्गत नरकेरा पंचायत के नरकेरा ग्राम में उप विकास आयुक्त जयकिशोर प्रसाद की अध्यक्षता में प्लास्टिक मुक्त अभियान की शुरुआत की गई है।
यह कार्यक्रम UNICEF के सहयोग से आयोजित किया गया तथा वर्ड विज़न के सहयोग से कचरा डब्बा ग्रामीणों के बीच वितरण किया गया। कार्यक्रम में समुदाय द्वारा प्लास्टिक कचरे के पुन: उपयोग की प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसे डीडीसी एवं एसडीओ चास के द्वारा देखी गई। साथ ही कचरा रिक्सा का उद्घाटन भी माननीय द्वारा किया गया।
उप विकास आयुक्त ने आज नरकेरा पंचायत को प्लास्टिक मुक्त कराने के लिए लोगों को जागरूक किया तथा प्लास्टिक से हो रहे नुकसान को ग्रामीणों के बीच बताया। उन्होंने ग्रामीणों के बीच जाकर प्लास्टिक का उपयोग ना करे और उससे हो रहे नुकसान को भी बताया तथा लोगो को जागरूक किया।
वही अनुमंडल पदाधिकारी चास, दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने भी प्लास्टिक मुक्त जन जागरूकता अभियान में नरकेरा पंचायत के लोगो को घर घर जाकर पर्यावरण का किस तरह नुकसान प्लास्टिक कर रहा है उसके बारे में गांव वालों को बताया। प्लास्टिक मुक्त जागरूकता अभियान उन्मूलन करते हुए आज से नरकेरा पंचायत को प्लास्टिक मुक्त होने के घोषणा भी की।
■ पर्यावरण को बचाना है तो प्लास्टिक का उपयोग नही करे-
उप विकास आयुक्त ने यह भी बताया कि पर्यावरण को बचाना है तो प्लास्टिक का उपयोग नही करके अब कपड़े या कागज से बने बैग या थैले का इस्तेमाल करके ताकि पर्यावरण को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जो मार अभी आम जनमानस झेल रहे हैं। उसे हमलोग उसे बचा सके है। साथ ही उन्होंने कहा कि नरकेरा पंचायत के पूरे नरकेरा गांव में शौचालय बनवाया जा चुका है तथा यहां के लोग पूर्णरूप से जागरूक होकर शौचालय का उपयोग कर रहे है। इसी कारण इस पंचायत को पूर्ण रूप से शौच मुक्त किया जा चुका है।
■ यह हर एंगल से यह एक मॉडल पंचायत के रूप में उभरा है-
नरकेरा पंचायत आज प्लास्टिक प्री विलेज मॉडर्न विलेज के रूप में सामने आया है। अनुमंडल पदाधिकारी चास दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने बताया कि नरकेरा पंचायत के लोगों ने अपने आप में संगठन बनाकर एवं एक संकल्प लेकर प्लास्टिक फ्री बनाया है। यही नहीं यह भी उपलब्धियां है जैसे हर घर में शौचालय है। इसका पूर्ण रूप से उपयोग भी किया जाता है। यह हर एंगल से यह एक मॉडल पंचायत के रूप में उभरा है। यहां के लोगों ने आपसी सहयोग एवं मुखिया के सहयोग से हासिल किया गया है। यह एक सराहनीय कार्य है। यह पूरे झारखंड राज्य के लिए एक सराहनीय कार्य का संदेश झारखंड के हर कोने में जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह ऐसा कार्य उन्होंने कहा कि इस तरह का और भी पंचायत में हो इसके लिए मैं यूनिसेफ पेटीएम से आग्रह करूंगा और भी पंचायतों में इस काम को अवश्य रूप से करे यह एक शुरुआत है।