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Afghanistan: सीएम ने विदेश मंत्री से बबलू को सुरक्षित वापस लाने का किया आग्रह, डीसी ने भेजी रिपोर्ट


Bokaro: झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर से अफगानिस्तान में फंसे बोकारो निवासी बबलू कुमार (37) को वापस लाने की गुजारिश की है। बबलू, बोकारो ज़िले के बेरमो स्थित गांधीनगर के रहने वाले हैं, जो तालिबान के सत्ता में आने के बाद काबुल में फंस गए है।

सीएम ने अनुरोध कर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से कहा है, “मैं आपसे इस मामले में बबलू की मदद करने और उसे सुरक्षित देश वापस लाने का आग्रह करता हूं”। बेरमो के स्थानीय कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल और बबलू के परिवार के सदस्यों ने सीएम से उनकी सुरक्षित वापसी के लिए संभावित सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया था।

इस बीच, बोकारो के उपायुक्त (डीसी) कुलदीप चौधरी ने भी राज्य के गृह विभाग को एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी है जिसमें बताया गया है कि बबलू अफगानिस्तान में फंस गए हैं। डीसी ने कहा कि “सुचना मिलने के तुरंत बाद एसडीओ, बेरमो बबलू के घर गांधीनगर गए उनके परिवार से मिलकर हिम्मत दी। उनसे जुड़ी जानकारियां एकत्र कर राज्य के गृह विभाग को भेजकर बबलू की सुरक्षित वापसी के लिए अनुरोध किया गया है”।

बबलू के परिवारवाले टेलीविजन से चिपके हुए हैं। वें अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की वापसी से संबंधित सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदम पर नजर रखे हुए है। बबलू के बड़े भाई लाल बाबू ने कहा, “रात में बबलू ने उन्हें फोन किया था। उसने कहा कि भारतीय दूतावास के एक अधिकारी ने उसे उसके तीन साथियों के साथ एक होटल में शिफ्ट कर दिया है। वहां करीब 200-250 भारतीय शरण लिए हुए हैं। अधिकारियों ने उन्हें होटल से बाहर निकलने से मना कर रखा है। वे उन्हें भारत वापस भेजने की व्यवस्था कर रहे है। हलाकि वह सभी डरे हुए है। रह-रहकर गोलियों के तड़तड़ाहट की आवाज़ आती रहती है।

बबलू काबुल स्थित अफगान राणा नामक बैटरी निर्माण कंपनी में एक ऑपरेटर के रूप में काम करता है। अक्टूबर 2018 में, वह काबुल गया था। तब से वह वहीं काम कर रहा है। हालांकि वह अपने परिवार को देखने के लिए साल में दो या तीन बार घर आता था। उसके परिवार में तीन भाई, उसकी पत्नी लाखो देवी और उसके 10 और 7 साल के दो बेटे शामिल हैं।

25 अप्रैल को अपने परिवार से मिलने के बाद, बबलू 2 जून को अफगानिस्तान गए थे। स्थिति को देखते हुए, उनकी कंपनी ने उनसे अपने देश लौटने का कहा था, इसलिए उन्होंने 16 अप्रैल के लिए Air India में टिकट कराया था। वह हवाई अड्डे पर पंहुचा था पर, वहां का मंजर- भगदड़ और फायरिंग – देख तुरंत वापस लौट गया।


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