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Afghanistan में फंसा बोकारो का बबलू, फ़ोन कर बताया आँखों देखा एयरपोर्ट का वह भयावह मंजर


Bokaro: काबुल हवाई अड्डे (Afghanistan) पर विमान में सवार होने के लिए मची भगदड़ का वह वीडियो क्लिप सोशल मीडिया या न्यूज़ चैनल पर आपने देखा होगा, पर उस भयावह मंजर को बोकारो के एक निवासी ने अपने आँखों से देखा है। जो अब अपने वतन भारत लौटने के लिए बेसब्र है। उनके परिवार के सदस्यों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से ट्विटर के माध्यम से उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है।

बेरमो के गांधीनगर निवासी बबलू कुमार (37) भी 16 अगस्त को फ्लाइट में सवार होने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे, उनका टिकट बुक था। एयरपोर्ट पहुंचते ही फायरिंग की आवाज सुनकर और वहां की हालत देखकर वह उलटे पाँव वापस हो गए। उनकी एयर इंडिया की फ्लाइट भी रद्द कर दी गई। कुमार अफगानिस्तान में तालिबान के कब्ज़े के बाद से फंसे भारतीयों में से एक हैं।

बबलू फिलहाल एक गेस्ट हाउस में तीन और भारतीयों (उत्तर प्रदेश निवासी) के साथ शरण लिए हुए है। उनकी कंपनी ने उन्हें वहां रखवाया है। वह गेस्ट हाउस काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) से करीब 10 मिनट की दूरी पर है। उन सभी को घर के अंदर रहने के लिए कहा गया है, क्योंकि तालिबान (Taliban) लड़ाके बाहर घूम रहे हैं। कंपनी के मालिक द्वारा घर में खाने-पीने के सामान की व्यवस्था की गई है।

बबलू कुमार की पत्नी व बच्चे

बबलू परेशान और दहशत में है। उन्हें पता नहीं चल पा रहा है की अपने देश कैसे लौटेंगे। वह काबुल में एक बैटरी बनाने वाली कंपनी, अफगान राना, में ऑपरेटर का काम करते है। अक्टूबर 2018 को, वह काबुल गए थे। तब से वह वहीं काम कर रहे है। वह साल में दो या तीन बार अपने परिवार से मिलने के घर आतें थे। उनके परिवार में तीन भाई, पत्नी लाखो देवी और 10 और 7 साल के दो बेटे हैं।

बबलू के परिवारवाले नियमित रूप से उससे फोन से संपर्क में है। उनके बड़े भाई लाल बाबू ने कहा, “हम एक संयुक्त परिवार हैं।” बबलू पैसे कमाने काबुल गया था। लेकिन अब वह तालिबान लड़ाकों के बीच अफगानिस्तान में फंसा हुआ है। हम उसकी सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं और सरकार से मदद मांग रहे हैं। बबलू फिलहाल 180 दिनों के वीज़ा पर हैं।

वह 25 अप्रैल को अपने परिवार से मिलने के बाद, 2 जून को वापस अफगानिस्तान काम करने लौट गया था। जब अफगानिस्तान की स्तिथि बिगड़ी तो उसकी कंपनी ने उससे अपने देश लौटने का कहा, इसलिए उसने 16 अप्रैल का टिकट बुक किया था। बबलू ने अपने परिवार वालो को बताया कि हवाई अड्डे पर पहुंचने पर, उन्होंने वहां भयावह मंजर देखा। वहां भगदड़ थी और गोली चल रही थी। अपने आप को बचाने के लिए बबलू तुरंत एयरपोर्ट से वापस लौट गए। गोलियों की तड़तड़ाहट अक्सर गेस्ट हाउस के बाहर सुनने को मिलती है।


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