Bokaro: स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ तथा नवजात शिशु रोग विशेषज्ञों के अखिल भारतीय संगठन आइसोपार्ब के बोकारो चैप्टर ने शनिवार को सुरक्षित मातृत्व एवं नवजात विषयक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं ख्याति प्राप्त चिकित्सक डॉक्टर गंगाधर साहू उपस्थित थे।
साहू ने कहा कि सुरक्षित मातृत्व एवं नवजात के लिए स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ तथा नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ के बीच बेहतर तालमेल एवं समन्वय जरूरी है। आज दुनिया के देशों से भारत में मां एवं नवजात की मृत्यु के मामले अधिक है। यह बेहद चिंता का विषय है। चिकित्सकों को इसे चुनौती के रूप में लेने की जरूरत है।
डॉ साहू ने विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि इस दिशा में भारत में कुछ काम हुए हैं लेकिन अभी काफी काम करना बाकी है। पहले नवजात की मृत्यु का प्रतिशत 1000 में 214 था जो अब घटकर 90 पर आ गया है। जबकि अमेरिका में 1000 में तीन मामले आते हैं। सरकार इस दिशा में काम कर रही है लेकिन हमें भी आगे बढ़कर काम करना है एवं एक दूसरे को सहयोग करने की जरूरत है।
नॉर्मल डिलीवरी के बजाय सिजेरियन डिलीवरी के संबंध में पूछे जाने पर डॉ साहू ने कहा कि डॉक्टर मरीज की प्रस्तुति एवं जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए उनके परिजन के अनुमति से सिजेरियन का निर्णय लेते हैं। आज भी नॉर्मल डिलीवरी को बेहतर माना जाता है लेकिन यह भी सच है आज मां दर्द बर्दाश्त करने के बजाय सिजेरियन का सुझाव देती है।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि आज मां नहीं बनने के लिए अधिक उम्र में शादी तथा मां से अधिक पिता जिम्मेदार हैं, क्योंकि अधिक उम्र में शादी होने से कई बीमारी के चपेट में जाते हैं। ब्लड शुगर ब्लड प्रेशर आदि के कारण भी कठिनाई होती है। आज शादी की औसत आयु 30 वर्ष हो गई है।
कार्यशाला में उपस्थित चिकित्सकों ने इस विषय पर अपने अपने विचार व्यक्त किए जबकि अध्यक्ष डॉ अंजू परेरा ने कार्यशाला के विषय पर प्रकाश डालते हुए बोकारो चैप्टर को सशक्त बनाने की बात कही। इस अवसर पर शिशु रोग विशेषज्ञ ख्याति प्राप्त चिकित्सक डॉ मिथिलेश कुमार स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रिचा सोनी सुधा देव वरीय चिकित्सक डॉक्टर रतन केजरीवाल समेत 10 लोगों ने बोकारो चैप्टर की सदस्यता ग्रहण कर सशक्त बनाने में सहयोग करने की बात कही।
इस अवसर पर उपस्थित चिकित्सकों में डॉक्टर आरती शुक्ला डॉक्टर कुमुदिनी शरण डॉ उषा सिंह डॉ रूपम सिंह डॉक्टर ज्योति गुप्ता डॉ पंकज भूषण डॉ एल के ठाकुर डॉ अलका तिवारी डॉ चंद्र बनर्जी डॉ इंद्रनील चौधरी समेत शहर के लगभग 100 चिकित्सक उपस्थित थे